*21 जून को क्यों आपकी परछाई भी आपका साथ छोड़ देती है?*

*21 जून को क्यों आपकी परछाई भी आपका साथ छोड़ देती है?*

आइडियल इंडिया न्यूज़
*ए जावेद/ अनुराग पाण्डेय* वाराणसी

साल का सबसे बड़ा दिन २१ जून होता है सामान्य दिनों में जब दिन और रात बराबर होते हैं आमतौर पर ये 12-12 घंटे के होते हैं लेकिन 21 दिसंबर के बाद रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े होने लगते हैं. 21 जून को दिन सबसे बड़ा होता है. इसके बाद ये घटना शुरू होता है. इसी तरह 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन बताया गया है. इस दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है. खास बात ये है कि इस दिन एक ऐसा पल भी आता है जब आपकी परछाई साथ छोड़ देती है. 21 जून 2022 को सूरज मध्याह्न में कर्क रेखा के ऊपर होगा. इसका मतलब यह है कि इस दिन सूर्य का प्रकाश धरती पर सबसे लंबे समय तक रहेगा. पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होगा जबकि सूर्यास्त देर से होगा. जिसके कारण सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होगी. 21 जून को साल के सबसे बड़े दिन के साथ ही साल की सबसे छोटी रात भी होती है. सूरज की किरणें पृथ्वी पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती हैं. इसलिए इस दिन को साल का सबसे बड़ा दिन कहते हैं. इसे सोल्सटाइस भी कहते हैं ।
इसका मतलब ये है कि सूरज अभी भी खड़ा है. 21 सितंबर आते-आते दिन और रात एक बराबर हो जाते हैं. इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने का सिलसिला बढ़ना शुरू हो जाता है ये प्रक्रिया 23 दिसंबर तक होती है खगोल शास्त्रियों के अनुसार, जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है. इसलिए इस दिन सूर्य की किरणें धरती पर ज्यादा टाइम के लिए पड़ती हैं. इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ती हैं. जिसके कारण 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है. वैसे इसका अपवाद भी है, 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था. अब ऐसा 2203 में होगा. आपकी परछाई उस समय साथ छोड़ देती है जब सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है. इस दौरान घबराना नहीं चाहिए. यह पृथ्वी की एक सामान्य प्रक्रिया है. 21 जून का दिन खासकर उन देश या हिस्से के लोगों के लिए सबसे लंबा होता है जोभू-मध्यरेखा के हिस्से में रहते हैं. इसमें रूस, उत्तर अमेरिका, यूरोप, एशिया, आधा अफ्रीका आते हैं. अगर इस बात को तकनीकी रूप से समझें तो ऐसा तब होता है जब सूरज की किरणें सीधे, कर्क रेखा/ट्रॉपिक ऑफ कैंसर पर पड़ती हैं. इस दिन सूर्य से पृथ्वी के इस हिस्से को मिलने वाली ऊर्जा 30 प्रतिशत ज्यादा होती है.पृथ्वी अपना खुद का चक्कर 24 घंटे में पूरा करती है जिसकी वजह से दिन और रात होती है. वहीं सूरज का पूरा एक चक्कर लगाने में उसे 365 दिन का समय लगता है. जब पृथ्वी खुद में घूम रही होती है और आप उस हिस्से पर है जो सूरज की तरफ है, तो आपको दिन दिखता है. अगर उस हिस्से की तरफ हैं जो सूरज से दूर है, तो आपको रात दिखती है ।

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