हिंदी उर्दू भाषाएं सगी बहनें हैं एक दूसरे के बिना बोल चाल सम्भव नहीं,

हिंदी उर्दू भाषाएं सगी बहनें हैं एक दूसरे के बिना बोल चाल सम्भव नहीं,जनपद सीतापुर उत्तर प्रदेश का अग्रणी ज़िला बने:- वी के दुबे प्राचार्य ज़िला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थान-
शरद कपूर काजिम हुसैन
खैराबाद।सीतापुर, 9 अक्टूबर। शिक्षक की अहमियत समाज में सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है। शिक्षक ऐसी फैक्ट्री के संचालक हैं जो समाज में उत्तम दर्जे के नागरिक और मानव संसाधन पैदा करते हैं। यही मानव संसाधन देश के विकास की धुरी हैं। यह बात ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान खैराबाद में *उर्दू शिक्षक क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण* के उद्घटान अवसर पर प्राचार्य/उप शिक्षा निदेशक, वीरेंद्र कुमार दुबे ने कही।
निदेशक महोदय ने कहा कि उर्दू हिंदुस्तान की एक मीठी ज़बान है जिसे हिन्दी भाषा की बहन होने का दर्जा हासिल है। हम रोज़मर्रा की ज़िंदगी में हिंदी और उर्दू के मिले जुले शब्दो का ही इस्तेमाल करते हैं। जिससे हमारी भाषा दुनिया की बेहतरीन भाषाओं में शुमार होती है।
जिसके बाद प्रशिक्षण के कोआर्डिनेटर/प्रवक्ता उर्दू शाह खालिद ने उर्दू के इस विशेष प्रशिक्षण पर कहा कि इससे स्कूलों में उर्दू शिक्षण में बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने उर्दू के विकास पर विस्तृत चर्चा करते हुए इसकी अहमियत पर रोशनी डाली। प्रशिक्षक खुशतर रहमान खां ने कार्यक्रम का संचालन किया, प्रशिक्षक अनवर अली ने गतिविधियां कराई, काज़िम हुसैन ने पाठ्य पुस्तकों के अध्ययन पर प्रकाश डालते हुए पाठ योजना पर चर्चा की और शिक्षकों के ग्रुप बनाकर शैक्षिक गतिविधियां कराई गई। नौशाद अली ने अभिलेखीय कार्य को गति प्रदान की।
डायट में चल रहे उर्दू शिक्षकों के इस प्रशिक्षण में प्रत्येक ब्लॉक से 5 शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। यह प्रशिक्षण 13 अक्टूबर तक जारी रहेगा।