सड़क पर हिंसा फैलाने वाले हैं असली इस्लाम विरोधीः बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई इकबाल अंसारी

*सड़क पर हिंसा फैलाने वाले हैं असली इस्लाम विरोधीः बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई इकबाल अंसारी*
आइडियल इंडिया न्यूज़

प्रशांत शुक्ल
अयोध्याः

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान को लेकर उठे विवाद पर पूरे देश भर में मुस्लिम समुदाय के लोग कड़ी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. नाराजगी की आड़ में देश के अलग-अलग राज्यों में कानून व्यवस्था को हाथ में लेने का काम भी जोर शोर से चल रहा है.
इस मामले पर अयोध्या में हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुए बवाल को लेकर बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी और राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सांप्रदायिक विवाद खड़ा करने वाले लोगों को कड़ी फटकार लगाई है.

कानून हाथ में लेने वाले हैं इस्लाम विरोधी

लगभग 50 वर्षों तक बाबरी मस्जिद के पक्ष में मुकदमा लड़ने वाले बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने पूरे प्रदेश भर में हो रहे धार्मिक बवाल पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जो लोग कानून को हाथ में लेकर तोड़फोड़ और बवाल कर रहे हैं वह इस्लाम विरोधी हैं. देश में कानून है, कानून का राज है, जिसको शिकायत है वह एफ आई आर दर्ज कराए कोर्ट का दरवाजा खटखटाये कानूनी रास्ते से अगर कोई दोषी है तो उसे सजा मिले. इस तरह से सड़क पर आकर तोड़फोड़ कर और हिंसा फैला कर जो संदेश दिया जा रहा है वह कहीं से सही नहीं ठहराया जा सकता. ऐसे लोग इस्लाम विरोधी है. जब सरकार खुद इस मामले पर सख्त रवैया अपनाए हुए है और कार्रवाई कर रही है तो यह बवाल करने की जरूरत क्या है. ऐसे लोगों को समाज में कहीं स्थान नहीं मिलना चाहिए ऐसे लोग समाज विरोधी और इस्लाम विरोधी है.

पहले वर्ग विशेष के लोग मन की इर्षा को करें समाप्त

जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, अंबेडकर नगर,फिरोजाबाद सहित अन्य कई स्थानों पर हुए बवाल को लेकर राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नसीहत देते हुए कहा कि जब लोग कह रहे हैं कि हम इसी देश में पैदा हुए और इसी देश के नागरिक हैं यही मरेंगे तो आखिरकार विवाद किस बात का है. सभी को कानून व्यवस्था पर विश्वास रखना चाहिए और आपसी सद्भाव का परिचय देना चाहिए. न्याय व्यवस्था को अपना काम करने देना चाहिए. पूरे देश में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए सबसे जरूरी है की ईर्ष्या और द्वेष समाप्त हो. जब तक ऐसा नहीं होता है तब तक आपसी प्रेम और भाईचारे की बात करना बेमानी है।

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