किसानों को खून के आंसू रुला रही बिजली
KRISHAN KUMAR BIND
जौनपुर
किसानों के बेहतरी व उनके आय को दुगना करने के लिए करोड़ों खर्च कर उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक करोड़ों रुपए विद्युत विभाग पर खर्च किया जा रहा है।सरकार का प्रयास है कि किसानों के लिए सिंचाई के अनुकूल परिस्थिति बने रहें पर कुछ जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा सरकार के इस प्रयास पर पानी फिरता दिख रहा है। क्योंकि धान की रोपाई का समय हो गया है।
इस वक्त किसानों के खेतों के लिए काफी मात्रा में पानी की आवश्यकता है। पर प्रशासन शासन द्वारा किसानों को 5-7 घंटे भी बिजली मुहैया नहीं कराई जा रही है। केराकत क्षेत्र के लगभग सभी ग्रामीण क्षेत्रों का यही हाल है। दिशापुर( बजरंगनगर) फीडर,खडहर डगरा,नईबजार फीडर,अमिहित,सेनपुर की स्थिति तो और ही दयनीय है इस फीडरों पर हजारों छोटे बड़े किसान निर्भर है।अकेले बजरंगनगर दिशापुर मुख्य फीडर के दिशापुर फीडर से 64 गांव जुड़े है जिससे काफी किसान प्रभावित होतें है वही ब्रहामनपुर फीडर के 78 ग्राम जिनमे किसानों की काफी संख्या निर्भित है।इन फीडरों नें विद्युत के न आने के और विधुत कटौती के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।इन फीडरों से विधुत दिया तो जा रहा है पर पर किसान को पम्प से खेत मे पानी पहुचने के पहले विधुत कट जा रही है।इससे खेंतों में भरपूर पानी तो छोड़िए पानी ही पहुच नही पा रहा है।पानी न मिलने पर किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगा।तब इसकी जिम्मेंदारी लेने के लिए कौन आगे आएगा।