*आजादी के अमृत महोत्सव के ऐतिहासिक अवसर पर भी नहीं हुआ घोषित 👉राष्ट्र भाषा

*आजादी के अमृत महोत्सव के ऐतिहासिक अवसर पर भी नहीं हुआ घोषित 👉राष्ट्र भाषा

आइडियल इंडिया न्यूज़

संतोष कुमार नागर एवं इंजीनियर कमल निषाद -अहमदाबाद-गुजरात

१४सितम्बर,२०२२दिन बुधवार है।आज के दिन हमारे देश में चहुंओर हिंदी दिवस मनाया जाता है। किंतु देशवासियों का दुर्भाग्य।है कि आजादी के७५ वर्षों में अमृत महोत्सव के ऐतिहासिक अवसर उपरान्त भी भारत की कोई राष्ट्रभाषा अब तकअधिकारी तौर पर घोषित नहीं किया जा सका है। हिंदी एक राजभाषा है यानि कि राज्य के कामकाज में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा। फिर भी हम प्रायः देखते हैं कि सरकारी गैर, सरकारी कार्यालयों, न्यायालयों में बड़े पैमाने पर विदेशी भाषा अंग्रेज़ी में काम-काज करने का प्रचलन हावी है। भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला हुआ है। भारत में २२भाषाओं को आधिकारिक दर्जा मिला हुआ है, जिसमें अंग्रेजी और हिंदी भी शामिल है। इसके अलावा बंगाली, उर्दू,कंन्नड़, नेपाली, संस्कृत, मलयालम, तेलुगू, तमिलअसमिया, मैथिली, मणिपुरी, मराठी,ओरिया, पंजाबी ,संथाली ,सिंधी गुजराती,डोंगरी ,बोडो, कश्मीरी है। आखिर जब इस देश में आजादी के बाद हमारे देश में अपना संविधान है, राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है, राष्ट्रीय फूल ,पशु, पक्षी,फल, मिष्ठान, नदी आदि घोषित कर दिया गया है तो फिर *राष्ट्रीय भाषा क्यों नहीं?**

यह सवाल निश्चित रूप से गंभीर है और यह तब तक रहेगा जब तक राष्ट्र भाषा घोषित नहीं हो जाती।आज के दिन केंद्र सरकार से पूछता है भारत।🙏 संतोष कुमार नागर एवं इंजीनियर कमल निषाद 👈🙏 (अहमदाबाद-गुजरात)✍️🇳🇪👆

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