इस्लामी माह रबीउल अव्वल सबसे अफ़ज़ल महीना,नमाज़ की पाबन्दी और अपने पड़ोसियों से हमदर्दी बेहतरीन अमल है
*इस्लामी माह रबीउल अव्वल सबसे अफ़ज़ल महीना,नमाज़ की पाबन्दी और अपने पड़ोसियों से हमदर्दी बेहतरीन अमल है :-फुरक़ान मियां सज्जादानशीन* ________________
आइडियल इण्डिया न्यूज
शरद कपूर / काजिम हुसैन
सीतापुर
खैराबाद ।सीतापुर
स्थानीय दरगाह हाफ़िज़िया असलमिया में इस्लामी माह रबीउल अव्वल का चांद निकलने के बाद से बाद नमाज़ मग़रिब महफिले मीलाद का आयोजन किया जाता है जो कि इस्लामी 10 तारीख तक चलता है इसके बाद और 11 तारीख को असर के बाद 5 बजे सांय काल होगा उसी क्रम में इस्लामी माह की 3तारीख यानी 30 सितम्बर को मीलाद की महफ़िल को सम्बोधित करते हुए दरगाह के सज्जादानशीन हाजी सैय्यद फुरक़ान वहीद हाशमी ने कहा कि ये माह सभी बारह महीनों में सबसे अफ़ज़ल है
क्योंकि इस माह में हमारे और आपके पेशवा पैग़म्बरे इस्लाम आक़ा व मदनी जिनके सदके में पूरी कायनात बनाई गई अर्थात हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैदाइश का माह है क्योंकि जब आपके द्वारा ही हमने अल्लाह को जाना व पहचाना आपके ही द्वारा क़ुरआन मिला, रोज़ा, नमाज़,हज,ज़कात यानी हर एक चीज़ आपके द्वारा मिली तो अपने आप समझ मे आने वाली बात है कि जिस माह में आपका जन्म हुआ तो वो महीना सबसे बेहतर तो होगा ही।
आपने कहा कि हम मीलाद तो करवाते हैं जुलूस भी उठाते हैं मगर सोचने की बात ये है कि हम जिसके नाम से मीलाद करते जुलूस उठाते हैं तो उसकी बताई हुई बात कितनी मानते हैं उनको खुश करने के लिए हम क्या करते हैं नमाज़ हम पढ़ते नही रोज़ा रखते नही झूठ बोलने और ग़लत काम व ग़लत बात करने से हम पीछे नही रहते तो क्या फायदा ऐसी महफिले मीलाद कराने से और जुलूस उठाने से अगर हम सच्चे दिल से नबी करीम सल. को मानते हैं सच्चे आशिके रसूल का दावा करते हैं तो आपके बताए रास्ते पर चलना होगा आपकी एक एक सुन्नत पर अमल करना होगा वरना हम आज दुनिया वालों को तो धोखा दे सकते हैं मगर अल्लाह और उसके रसूल को बिल्कुल धोखा नही दे सकते क्योंकि वो दिलों का हाल जानने वाला है।
श्री हाशमी ने कहा कि हमे चाहिए कि अपने माँ बाप से,अपने मुल्क से और अपने पड़ोसियों से हमदर्दी रखें माँ बाप का पूरा आदर सम्मान करें उनकी ज़रूरतों को पूरा करें बल्कि हमे पूरी कोशिश करना चाहिए कि हमारा हर कार्य ऐसा हो जिससे किसी को भी कोई तकलीफ न हो तभी हम सच्चे आशिके रसूल कहलाने के हकदार होंगे अन्यथा सिर्फ दिखावा ही होगा और दिखावा अल्लाह और उसके रसूल को बिल्कुल पसन्द नही है ऐसा करने वाला पूर्णतया नुक़सान में ही रहेगा।इसलिये हमे चाहिए कि अल्लाह और उसके रसूल के दामन को मजबूती से पकड़ें ग़रीबों की मदद करें, बेसहारा लोगों को सहयोग दें परेशान लोगों की पूरी मदद करें तभी हम कामियाब होंगे।इस अवसर पर सैय्यद फ़रमान मियां चिश्ती ने सलाम पढ़ा जबकि दरगाह मतवल्ली सैय्यद इरफान वहीद हाशमी, क़ारी इस्लाम अहमद आरफ़ी, इमरान सिद्दीकी, फरजान मियां,फरहान मियां,सलमी मियां,एहतिशाम अहमद,सलीम खान, अक़ील खान,हाफिज आरिफ,हाफ़िज़ आकिब,हाफिज मिस्बाहुल हसन चिश्ती, पप्पू,गुड्डू,इस्लाम अहमद के अलावा काफी तादाद में लोगों ने शिरकत की।