पूर्ति कार्यालय में भ्रष्टाचार के चलते गरीब फरियादियों को न्याय नहीं , राशन कार्ड बनवाने के 4000 वसूल रहे पूर्ति स्पेक्टर के गुर्गे
तहसील मुख्यालय स्थित पूर्ति कार्यालय में भ्रष्टाचार के चलते गरीब फरियादियों को न्याय नहीं
राशन कार्ड बनवाने के 4000 वसूल रहे पूर्ति स्पेक्टर के गुर्गे
कोटेदारों द्वारा प्रति यूनिट 2 किलो खाद्यान्न कम
पा रहे कार्डधारक
ग्राम पंचायत पलौली के कार्ड धारकों ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार
आइडियल इंडिया न्यूज़
संदीप मिश्रा
सीतापुर लहरपुर संवाद
तहसील मुख्यालय स्थित पूर्ति कार्यालय में भ्रष्टाचार के चलते सरकार द्वारा चलाई जा रही राशन वितरण प्रणाली पूरी तरह ध्वस्त होकर रह गई जिसका लाभ गरीबों को न मिलकर कोटेदार और पूर्ति अधिकारी उठा रहे हैं हम न्याय प्रिय एवं इमानदार उपजिलाधिकारी अनुपम मिश्रा पर उंगली भी नहीं उठाना चाहते किंतु तहसील मुख्यालय स्थित पूर्ति कार्यालय में क्या हो रहा है इस पर ध्यान आकर्षित करना जरूर चाहते हैं
सूत्रों से जानकारी मिली है की पूर्ति कार्यालय स्थित पुलिस स्पेक्टर आलोक श्रीवास्तव पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त पूर्ति कार्यालय में उन्होंने अपने निजी गुर्गे पाल रखें पहले अतीक अहमद और दूसरे जमीर अहमद तथा इसके अतिरिक्त कई दलाल जो आलोक श्रीवास्तव के लिए मुर्गा मीट की व्यवस्था कार्यालय पर ही करते हैं कार्यालय में दलाली का कार्य करते हैं सूत्र बताते हैं कि आलोक श्रीवास्तव ने नए राशन कार्ड बनाने का ठेका अपने गुर्गे अतीक के माध्यम से जमीर अहमद जोकि चाकुली पूर्वी क्षेत्र का निवासी है तथा अपने पिता मिसबाहुद्दीन की कोटे की दुकान चलाता है ठेका दे रखा है ₹2500 से लगाकर ₹4000 प्रति राशन कार्ड बनाने का जमीर अहमद के माध्यम से अतीक द्वारा लिया जा रहा है इसके अतिरिक्त नया राशन कार्ड बनाने का कोई माध्यम नहीं है यदि आपका यूनिट छूट गया है या कट गया है तो ₹500 प्रति यूनिट चिड़वाने के अधिक द्वारा बराबर लिया जा रहे हैं यही नहीं रजिस्टर सत्यापन के नाम पर आज भी कोटेदारों से वसूली पूर्ति कार्यालय द्वारा की जा रही है पूर्ति स्पेक्टर पर इससे पूर्व भी लहरपुर में पत्रकारों पर दबंगई तथा गाली गलौज करने व धमकाने से संबंधित मामले दर्ज हैं फिर भी जुगाड़ लगाकर रुतबे वाला व्यक्ति यहीं पर आ धमका और भ्रष्टाचार में लिफ्ट अपनी पूरी मिशनरी को लगाकर लूट कसोट करने लगा पूर्ति कार्यालय से लूट कर जब कोटेदार गांव में राशन वितरण करता है तो सीधे इसकी कटौती कार्ड धारकों से की जाती है इसी तरह की एक शिकायत ग्राम पंचायत बरौली के कार्ड धारकों ने जिला अधिकारी सीतापुर से की है शिकायती पत्र में कहा गया है ग्राम पंचायत का कोटेदार संतोष पांडे जो कि 2011 में भ्रष्टाचार के चलते जेल भी जा चुका है तथा पुणे कोटे की दुकान चला रहा है कार्ड धारकों ने कहा है के प्रति राशन कार्ड 5 से 10 किलो राशन कोटेदार द्वारा कार्ड धारकों को कम दिया जा रहा है और यदि कोई कार्डधारक राशन मांगता है तो दबंगई करता है कहता है पूर्ति स्पेक्टर से लगाकर कमीशन अली तक हमारे संबंध है हमारा क्या कर लोगे सैकड़ों राज सस्पेंड कोटे की दुकानों को हमने पैसे देकर बहाल कराया है हमारा क्या बिगाड़ लोगे इस तरह पूरे पलौली ग्राम में कार्डधारक त्राहि-त्राहि कर रहे हैं जबकि सरकार द्वारा किसी गरीब को परेशानी ना हो इसके लिए महीने में दो बार राशन उपलब्ध कराया जा रहा है किंतु यही राशन कोटेदार की कमाई का जरिया बना हुआ है सूत्र बताते हैं कि जब ग्रामीणों ने कोटेदार संतोष पांडे की शिकायत की तो संतोष पांडे ने बड़ी ही चालाकी से फूड इंस्पेक्टर आलोक श्रीवास्तव की सलाह पर अपना फर्जी मेडिकल बनवाकर दुकान दूसरी जगह अटैच करवा दी सवाल यह है की पूर्ति स्पेक्टर द्वारा शिकायत के बाद बगैर दुकान की जांच दुकान किए मेडिकल रिसीव कर लिया गया आखिर क्यों सूत्र बताते हैं कि इसकी एवज में कोटेदार द्वारा भारी-भरकम राशि पूर्ति स्पेक्टर को मुहैया कराई गई और गुप्त सूत्रों से पता चला है रिपोर्ट स्पेक्टर पूरी तरह कोटेदार को बचाना चाहते हैं और दोनों के बीच यह तय हुआ है की दुकान को निरस्त न कर सस्पेंड कर दे और फिर बाद में बहाल करा लिया जाएगा ऐसी स्थिति में सरकार की मंशा कि गरीबों को राशन मिले कोई व्यक्ति भूखा न सोए यह सपना साकार होगा इस पर संदेश उत्पन्न होता है