हिंदी उर्दू साहित्य परिषद आजमगढ़ के तत्वाधान में विराट कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन
हिंदी उर्दू साहित्य परिषद आजमगढ़ के तत्वाधान में विराट कवि सम्मेलन एवं मुशायरे परे का आयोजन
आइडियल इंडिया न्यूज़
संजय पान्डेय आजमगढ़
जनपद के छतवारा मोड़ स्थित इंद्रप्रस्थ नगर कॉलोनी ग्राम बयासी में हिंदी उर्दू साहित्य परिषद आजमगढ़ के तत्वाधान में विराट कवि सम्मेलन एवं मुशायरे परे का आयोजन श्री इंद्रसेन सिंह रोहित बारी संदीप श्रीवास्तव अतुल कुमार सिंह महेंद्र नाथ यादव अजीत श्रीवास्तव अमित श्रीवास्तव द्वारा किया गया जिसकी अध्यक्षता परिषद के संरक्षक आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव साहित्यकार पत्रकार संजय कुमार पांडे ने की तथा संचालन युवा कवि एवं गीत कार सेठ राजकुमार आशीर्वाद ने किया
कार्यक्रम का श्रीगणेश संस्था के महामंत्री सेठ राजकुमार आशीर्वाद ने मां शारदे की स्वरचित वंदना “ओ माता सरस्वती हमको ऐसा प्यार दे बल बुद्धि विवेक तू सदबुद्धि अपरम्बार दें “से किया तदुपरांत वरिष्ठ कवि एवं गीतकार आदरणीय रुद्रनाथ चौबे रुद्र जी ( रचयिता खन्डकाव्य “प्रेम कलश” ) के द्वारा रचित खन्डकाव्य ” जय बजरंगबली” का संजय पान्डेय वरिष्ठ पत्रकार , महेन्द्र यादव , इन्द्रसेन सिंह पूर्व प्रवक्ता हिन्दी विभाग , अनिल सिंह वरिष्ठ स्टेनो एवं नामी चिरैयाकोटी प्रख्यात शायर एवं गीतकार के द्वारा विधिवत विमोचन किया गया । रुद्र नाथ चौबे रुद्र जी के द्वारा रचित खन्डकाव्य ” जय बजरंगबली” एवं “प्रेम कलश” हेतु तथा सोहन लाल गुप्ता लाल बहादुर लाल चौरसिया “लाल” नामी चिरैयाकोटी अध्यक्षता कर रहे संजय पांडे जी विजय प्रताप यादव महेंद्र मृदुल बैजनाथ गवार जी को उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान हेतु संस्था की ओर से एवं रोहित बारी के द्वारा जहां अंग वस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया वहीं संस्था के अध्यक्ष ताज आजमी व महामंत्री सेठ राजकुमार आशीर्वाद ने माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया ।
इसके बाद कार्यक्रम के दूसरे चरण में वरिष्ठ कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं से साहित्य की अनूठी विवेणी प्रवाहित की!
चिरैयाकोटी ने इस वलन की खाक को भी माथे का चंदन समझे हैं सुनाते हुए जहां देश प्रेम की ज्योत जलाई वहीं विजय प्रताप बुदनपुरी ने एक कलम कार की कलम उठो तुम प्रेमचंद का दर्द लिखो बूढ़ी काफी की भूख लिखो जुम्मन का दर्द अपार लिखो सुनाकर मानवीय संवेदना को उभारा तो वही ताज आजमी ने हम कदम कश्मीर से हरगिज हटा सकते नहीं सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं सुना कर वाहवाही लूटी तो वहीं वरिष्ठ कवि रूद्र नाथ चौबे रूद्र जी ने ” एक लड़ाई मेरे बाहर एक लड़ाई अंदर है । मैं ही जानूं मेरे गम का कितना बड़ा समंदर है ।।” सुनाते हुए सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया एवं खूब तालियां बटोरी । इसके बाद लाल बहादुर चौरसिया लाल ने बिलखती भूख लिख देना तड़पती प्यास लिख दे ना मिले बल जिस कहानी से वह इतिहास लिख देना सुनाते हुए सभी का प्यार पाया तो इसी क्रम में बैजनाथ गवार ने रात कटी भिनसहरा हुई धीरज रखा भोर के रंग सुनहरा होई धीरज रखा सुनाकर मानवीय आशा को उजागर किया इसके बाद कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार संजय पांडे ने आयोजक मंडल की भूरी भूरी प्रशंसा की और अपनी रचनाएं पढ़ी आज हम भूख और बेरोजगारी से बेकार बैठे हैं उधर बच्चे जन्म लेने को तैयार बैठे हैं सुना कर कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की तो वहीं वरिष्ठ कवि सोहनलाल गुप्त स्नेहिल ने नंगे बदन भूख से मर रहे जो उन्हीं से बता खतरा बताने लगे क्या बात है अच्छे दिन आने लगे हैं सुनाया पुनः इसी कड़ी में महेंद्र मृदुल ने गीत लिखे गीत लिखे सुंदर संगीत लिखे मानवता की गालियों में आपस की प्रीत लिखे सुना कर कवि धर्म को अग्रेशित किया इसी धारा में रोहित बारी ने शहर हमरा गांव हो गईल सपना बरगद के छांव हो गईल” सुना कर गिरती हुई ग्रामीण सभ्यता पर प्रहार किया
इसके बाद नागेंद्र यादव ने इस मातृभूमि पर बेटी ने सब का जीवन सवेरा है कभी सावित्री तो कभी झांसी की रानी बनकर युद्ध मैं भी ललकारा है सुना कर शम बांधा, इसके बाद अध्यक्षता कर रहे संजय पांडे ने राजकुमार आशीर्वाद को काव्य पाठ हेतु आमंत्रित किया तो आशीर्वाद ने आते ही मां भारती का आशीर्वाद लेकर आया हूं तुम हमें झुका नहीं सकते मां की तहजीब पांव है अंगद का तुम उठा नहीं सकते सुनाकर जहां मातृ शक्ति को दर्शाया वहीं देश प्रेम की प्रचंड ज्वाला प्रखर करते हुए इन्होंने यह हिंदुस्तान है जनाब हिंदुस्तान प्यार से देखोगे तो पत्थर की मूरत भी बोल देगी बनके मां भारती तेरी किस्मत के बंद दरवाजे खोल देगी सुनकर सभी का आशीर्वाद प्राप्त किया इस अवसर पर जय प्रकाश पांडे, राहुल कुमार सिंह, विनोद यादव, महेंद्र यादव, अखिलेश श्रीवास्तव, भरत लाल जी, अजीत यादव, उमाशंकर सिंह, बृजेश कुमार श्रीवास्तव आशीष तिवारी, सोनू यादव, रामदास मौर्य, अजीत वर्मा, अमित कुमार श्रीवास्तव, इत्यादि सैकड़ों लोग मौजूद थे