जोधपुर के पूर्व प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं अतिरिक्त अधीक्षक *डॉ हस्ती मल आर्य हस्ती* सेवा निवृत्ति बाद साहित्य के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा को चार चांद लगा रहे हैं।
जोधपुर के पूर्व प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं अतिरिक्त अधीक्षक *डॉ हस्ती मल आर्य हस्ती* सेवा निवृत्ति बाद साहित्य के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा को चार चांद लगा रहे हैं।
आइडियल इंडिया न्यूज़
डा संजीदा खानम शाहीन जोधपुर राजस्थान।
डॉ हस्ती मल आर्य हस्ती को मानविकी बहु अनुशासनिक साहित्य शोध संस्थान, रावतसर हनुमान गढ़ राजस्थान से 30-31अक्टूबर 2025 को साहित्य एवं सामाजिक विशिष्ट सेवाओं व उपलब्धियों के आधार पर एक श्रेष्ठ अलंकरण
“अंतरराष्ट्रीय साहित्य वाचस्पति पुरस्कार -2025”
बाबा खींवादास पीजी महाविद्यालय, सांगलिया,सीकर राजस्थान में अलंकृत व पुरस्कृत किया गया।
इनका शोध-पत्र “बाजारवाद और स्त्री विमर्श” पुरस्कृत हुआ।
इसी अवसर पर इनकी पुस्तक जापानी हाइकु काव्य विधा में लिखी
“भोर के मोती”
का विमोचन कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक पीठाधीश्वर श्री श्री 108श्री ओम दास जी महाराज, कार्यक्रम सचिव विजय कुमार पटीर,चिंतन प्रकाशन के संयोजक रामसिंह खंगार महाविद्यालय के प्राचार्य श्री सुनील गुप्ता, श्रीमान ओपी बैरवा आयुक्त, आयुक्तालय कोलेज शिक्षा राजस्थान,श्री राजेन्द्र नायक पूर्व आईएएस एवं वर्तमान अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग, राजस्थान श्री रवि पुरोहित वरिष्ठ लेखक एवं संपादक, बीकानेर श्री कुलवंत सिंह वैज्ञानिक भाभा परमाणु केंद्र, मुम्बई, श्रीमती अंजू शर्मा लेखिका एवं कवयित्री नवी मुंबई के के करकमलों से हुआ।
इसी कार्यक्रम के दूसरे चरण में डॉ हस्ती मल आर्य हस्ती के द्वारा “भूमंडलीकृत वैश्वीकरण एवं बाजारवाद”
पर विशिष्ट अतिथि वक्तव्य दिया गया जिसमें भूमंडलीकरण, वैश्वीकरण तथा बढ़ते बाजार वाद के दौर विशेषकर चिकित्सा क्षेत्र किस तरह से भारत विश्व में चिकित्सा हब बनता जा रहा है।विषय पर प्रकाश डाला गया।
डॉ हस्ती मल आर्य ने इस प्रकार साहित्य वाचस्पति प्राप्त कर दिखा दिया कि जहां चाह है वहां राह है।सेवा निवृत्ति के बाद भी आदमी अपने लक्ष्य पर काबिज रहकर बहुत कुछ कर दिखा सकता है।
डॉ हस्ती मल के उज्जवल भविष्य की कामनाएं इस अवसर पर श्रीमती रमा अध्यक्ष मां सावित्री फूलै महिला संघ की अध्यक्षा ने इनके घर कर माल्यार्पण व साफा पहनाकर कर की।




