समर्थकों के भारी जन सैलाब के साथ मनोज श्रीवास्तव ने किया नामांकन

समर्थकों के भारी जन सैलाब के साथ मनोज श्रीवास्तव ने किया नामांकन
आइडियल इंडिया न्यूज
अखिलेश मिश्र “बागी” मीरजापुर
मीरजापुर शहर में निकाय चुनाव के आखिरी दिन भारी गहमा गहमी का माहौल रहा , कचहरी परिसर में सुरक्षा का विशेष ब्यवस्था की गई थी , भाजपा के बागी प्रत्याशी के रूप में आज 24 अप्रैल को मनोज श्रीवास्तव ने नामांकन किया , उन्होंने पढ़ाई के समय से ही आरएसएस ,बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रह चुके है , उन्होंने आरोप लगाया कि जिले में चोर, उचक्के, बेईमान, लुटेरों का जिले की राजनीति में वर्चस्व बढ़ा हैं,अपहरण, हत्या और फिरौती का उद्योग चलाने वालों का वर्चस्व भाजपा की जिला इकाई में वर्चस्व बढ़ा है उन्हें डर था कि मनोज श्रीवास्तव को टिकट मिल गया तो उनका धंधा बंद हो जाएगा । इसलिए शीर्ष नेतृत्व को भ्रमित किया गया। उन्होंने कहा कि जनता की आवाज सुनकर वह बागी प्रत्याशी के रूप में राष्ट्र और समाज हित के लिए मैदान में उतरे है। 13 मई जनता जो निर्णय सुना देगी उस निर्णय को सहर्ष स्वीकार करूँगा , 2017 में पार्टी ने टिकट देना चाहा था। जिस पर उन्होंने मना कर दिया था भाजपा के नाम पर जीतकर आया 5 वर्ष तक लूट खसोट करता रहा। सरकारी जमीन को भू माफिया को बेंच दिया गया । इस बार जनता के तरफ से चुनाव लड़ने का दबाव था । इसके लिए उन्होंने पार्टी से टिकट के लिए आग्रह किया था। शीर्ष नेतृत्व ने आश्वस्त किया था। कोर कमेटी से उनका नाम नंबर एक पर भेजा गया था । कास्ट, क्राइम और करप्शन को कायम रखने के लिए उनके नाम का विरोध किया गया।उन्हें इस बात का भय था कि मनोज श्रीवास्तव पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ गए तो उनके लूट खसोट का धंधा बंद हो जाएगा ।उन्होंने जनता की आवाज पर सुरक्षित और नगर को बेहतर बनाने के लिए निर्दल प्रत्याशी के रूप में आना पड़ा । जनता की अदालत में आने के बाद अब फैसला जनता को ही करना है। उन्हें मनी, माफिया और मसल्स का वर्चस्व कायम करना है या फिर शांति सद्भाव वाले शहर में उसकी प्रतिष्ठा को बनाए रखना है ।
मीरजापुर की जनता ने दिया दिल से समर्थन :-
आज अपने चहेते हिन्दू नेता के साथ हुए अपमान का बदला लेने का मीरजापुर की जनता ने मन बना लिया है बीजेपी समर्थक भी कह रहे है कि इतना ईमानदार और सभी के लिए प्रशासन से लड़ जाने बाले नेता को ही जितना चाहिए ।