डाक्टर बनना चाहती है मेधावी विशाखा सिंह

डाक्टर बनना चाहती है मेधावी विशाखा सिंह
आइडियल इंडिया न्यूज़
मारकंडेय तिवारी सिकरारा (जौनपुर)
बचपन से ही मेरा एकमात्र लक्ष्य डाक्टर बनना है। देश में डाक्टरो की बहुत कमी है। देश में अधिक से अधिक डाक्टर होने चाहिए और इसलिए एकमात्र लक्ष्य डाक्टर बनने का है। डाक्टरी पेशा शुद्ध रूप से सेवा और मानवता का क्षेत्र है, इसलिए इस पेशे में जाना चाहती हूँ। लक्ष्य प्राप्ति के लिए स्कूली शिक्षा के अलावा मैं घर पर चार घंटे की पढ़ाई करती हूँ। 600 में 581 अंक लाने वाले विशाखा सिंह के पिता रत्नाकर सिंह सिकरारा बाजार में दुकान चलाते हैं, जबकि मां रेनू सिंह गृहिणी हैं। विशाखा ने बताया कि उनके माता-पिता ने अपनी इच्छा उन पर कभी नहीं थोपी। माता-पिता का पूरा समर्थन और सहयोग मिल रहा है। सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व स्कूल के अध्यापकों को दिया है। बड़ी कलश इंटर में 348 अंक मिला है। जबकि छोटा भाई क्षितिज कक्षा नौ का छात्र है।