एकादशी पर फूलों से सजे झूले में बैठे भगवान राम:रंगमहल में हर सावन मेले में होती है यह झांकी

एकादशी पर फूलों से सजे झूले में बैठे भगवान राम:रंगमहल में हर सावन मेले में होती है यह झांकी
*प्रशांत शुक्ला आइडियल इंडिया न्यूज़ अयोध्या
अयोध्या।
रंग महल मंदिर के महंत राम शरण दास महाराज ने कहा कि रंग महल को माता कौशल्या ने भगवान श्रीराम के विवाह के बाद सीता सहित चारो बहुओं को मुंह दिखाई में दिया था। मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम, लखन, भरत और शत्रुहन के अलावा इन चारों भगवान की बहुओं में श्रीसीता, उर्मिला,मांडवी और श्रतिकीर्ति भी विराजमान हैं। इन सभी को चार अलग-अलग झूलों में विराजमान कर हर झूलन को सुगंधित फूलों से सजाया जाता है।
उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक मंदिर का जीर्णोद्धार सिद्ध संत सरयू शरण अर्थात सरयू सखी ने करीब 300 साल पहले किया था। मंदिर में उन्हीं की बनाई परंपराओं से भगवान की सेवा हो रही है। इसके तहत पूरे सावन महीने यहां झूलन का उत्सव और इस माह की दोनों एकादशी को झूलन को फूलों से सजाकर उसकी झांकी होती है।
राम शरण दास महाराज ने बताया कि सावन के दूसरे अर्थात शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंग महल में गलबहियां की झांकी होती है।इस अदभुद झांकी में रसिक भाव के अनुसार भगवान श्रीराम और श्रीसीता के हाथ एक दूसरे के कंधे होते हैं। इस झांकी का दर्शन बहुत ही कल्याणकारी होता है। इसका दर्शन करने अयोध्या के संत-महंत सहित दूर से श्रद्धालु आते हैं।
गुरुवार की एकादशी पर हुई फूलों की झांकी में सिद्धपीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने भजन प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। उन्होंने झूलन पर सज कर मेरे सरकार आए हैं और करे क्या आप से परदा आदि भजन पेश किया। इस अवसर पर रामकथा कुंज के महंत डॉ रामानंद दास, रंगवाटिका के महंत हरिसिद्ध शरण, हनुमत सदन के महंत अवध किशोर शरण, हनुमानगढ़ी के जुड़े महंत रामकुमार दास,महावीर ट्रस्ट पटना के सचिव आचार्य किशोर कुणाल, गहोई मंदिर के महंत रामलखन शरण, रामकचेहरी चारो धाम के महंत शशिकांत दास आदि बड़ी संख्या में संतों ने झांकी का दर्शन किया।
पूरे अयोध्या में इस समय धीरे-धीरे सावन झूला जोर शोर से पूरे अयोध्या में धूम मच रही है सावन मेले की साथ में कांवरिया भी जगह-जगह से आए हैं सरयू जी का जल एकत्रित करके अपने-अपने देव महादेव को जल चढ़ाने के लिए ले जाते हैं|