आइडियल इंडिया न्यूज़
अंकुर मिश्रा वाराणसी
दो भाइयों की मौत से जहां परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। वहीं बिजली विभाग ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए इससे अपना पल्ला झाड़a लिया। विद्युत विभाग के अनुसार हेरिटेज पोल के लगाने और मेंटेनेंस का काम नगर निगम का है। हमने विद्युत आपूर्ति सूचना मिलने पर कट करवा दी है
वाराणसी: काम से थक कर आराम कर रहे भाइयों के लिए नगर निगम का हेरिटेज लाइट पोल काल बन गया, आराम कर रहे दोनों सगे भाई इसी पोल पर अपना पैर रखे थे,अचानक आये करंट ने दोनों को मौत की नींद सुला दिया। इस सूचना पर हड़कंप मच गया। चेतगंज थाना क्षेत्र के पिशाचमोचन अखाड़े के पास हुई इस घटना के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों का रो-रो के बुरा हाल है। मौके पर पत्नी और बच्चों के रोने धोने की आवाज सुन सभी गमगीन हो गए हैं। वहीं परिजन बड़े अधिकारियों को बुलाने के नाम पर शव सड़क पर रख चक्काजाम कर रहे हैं, बिहार निवासी है मृतक ट्राली चालक

बेगूसरायम, खगड़िया बिहार के रहने वाले अनिल सहानी (35) और छोटू सहानी (40) पुत्र नंदलाल सहानी वाराणसी के हबीबपुरा में रहते हैं और ट्राली चलाकर परिवार का गुजारा करते हैं। दोनों भाई पिशाच मोचन पर ही एक सरिये गाटर और ग्रिल की दुकान से सम्बध्द होकर ट्राली चलाने का काम करते थे। गुरुवार की दोपहर काम करके वापस लौटने पर दोनों पिशाच मोचन अखाड़े के पास स्थित हेरिटेज पोल से ट्राली सटाकर उसपर सिर रखकर लेटे हुए थे तभी अचानक पोल में लाइट आने से दोनों को करंट लग गया और दोनों एक दुसरे में सटे हुए करंट के कारण हिलने लगे,दौड़ पड़े स्थानीय
दोनों को करंट लगता देख स्थानीय लोग दौड़े, चौकाघाट सब स्टेशन को फोन कर लाइट कटवाई, पर तब तक दोनों भाइयों की मौत हो चुकी थी। वहीं घटना की सूचना दूकान मालिक ने परिजनों को दी तो उनमे कोहराम मच गया। दोनों भाइयों की पत्नियां और बच्चे घटनास्थल पर पहुंचे तो कोहराम मच गया। अनिल की पत्नी अनिल को और छोटू की पत्नी छोटू के मृत शरीर से लिपट गयी और उठने की मनुहार करने लगी। वहीं बच्चे भी रोने लगे जिससे माहौल गमगीन हो गया,
लगाया चक्काजाम
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने विद्युत विभाग की लापरवाही के विरोध में चक्काजाम कर दिया। उधर करंट से मौत और चक्काजाम की सूचना पर मौके पर चेतगंज और सिगरा थाने की पुलिस फ़ोर्स मौके पर पहुंची और लोगों को समझाना शुरू किया पर परिजन आला अधिकारियों को मौके पर बुलाने को लेकर समाचार लिखे जाने तक अड़े हुए थे।