पटना के गांधी मैदान में तिरंगे को लहराते ही नीतीश कुमार ने राजनीत में बनाया एक और नया कृतिमान।

पटना के गांधी मैदान में तिरंगे को लहराते ही नीतीश कुमार ने राजनीत में बनाया एक और नया कृतिमान।
इससे पहले सबसे अधिक बार झंडा फहराने का रिकॉर्ड भूतपूर्व सीएम श्रीकृष्ण सिंह के था नाम।
आइडियल इंडिया न्यूज़
विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता
स्टेट हेड बिहार।
पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार नए रिकॉर्ड रचते जा रहे हैं। इस साल 15 अगस्त को 15 वीं बार पटना के गांधी मैदान में झंडा फहराकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के पहले सीएम श्रीकृष्ण सिंह उर्फ़ श्री बाबू को पीछे छोड़ दिया है। इससे पहले करीब 14 बार तिरंगा झंडा फहराने का रिकॉर्ड श्रीकृष्ण सिंह के नाम था। सबसे ज्यादा बार गांधी मैदान में तिरंगा फहराने वाली लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का भी नाम शामिल है। राबड़ी देवी भी बतौर मुख्यमंत्री 8 बार तिरंगा फहरा चुकी हैं।
बीते 15 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इससे पहले सबसे अधिक बार बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए झंडा फहराने का रिकॉर्ड श्रीकृष्ण सिंह के पास था। बिहार के पहले मुख्यमंत्री रहे श्रीकृष्ण सिंह ने साल 1950 में राज्य की सत्ता संभाली थी। हालांकि उससे पहले श्रीकृष्ण सिंह बिहार के प्रीमियर हुआ करते थे। उस समय प्रीमियर का दर्जा मुख्यमंत्री के समकक्ष हुआ करता था। बिहार के प्रीमियर और मुख्यमंत्री रहते हुए श्री कृष्ण सिंह ने 14 बार झंडा फहराया।
श्री बाबू और नीतीश कुमार के बाद राबड़ी देवी का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। राबड़ी देवी भी 8 बार बतौर मुख्यमंत्री पटना के गांधी मैदान में झंडा फहरा चुकी हैं। वहीं लालू यादव भी 7 बार तिरंगा फहरा चुके हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा भी मुख्यमंत्री की हैसियत से 6 बार तिरंगा फहरा चुके हैं।
भले ही नीतीश कुमार करीब 15 सालों से ज्यादा समय से बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हों लेकिन अभी भी सबसे लंबे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड श्रीकृष्ण सिंह के पास ही है।
श्रीकृष्ण सिंह करीब 3 सालों तक बिहार के प्रीमियर रहे और उसके बाद वे लगातार 11 सालों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे। श्रीकृष्ण सिंह 11 जनवरी 1961 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि नीतीश कुमार का कार्यकाल कभी इतना लंबा नहीं रहा।
नीतीश कुमार ने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ 3 मार्च 2000 को ली थी लेकिन 7 दिनों के भीतर ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद साल 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने लालू यादव की पार्टी राजद को कड़ी पटखनी दी थी। जिसके बाद नीतीश कुमार साल 2005 में 24 नवंबर को मुख्यमंत्री बनाए गए। उसके बाद वे 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू को मिली जीत के बाद फिर से मुख्यमंत्री बनाए गए लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनावों में जदयू को मिली करारी हार के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी जगह जीतन राम मांझी को बिठा दिया।
इसके बाद नीतीश कुमार 2015 में जीतन राम मांझी को हटाकर फिर से मुख्यमंत्री बने। उसके बाद उन्होंने 2015 में हुए विधानसभा चुनाव तक बिहार के मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाला। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया और वे लगातार पांच सालों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद वे एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाए गए। वर्तमान कार्यकाल को पूरा करते ही नीतीश कुमार बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण को पीछे छोड़ते हुए सबसे लंबे समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लेंगे।