06/07/2025
10022403281002240178Picsart_25-05-23_23-23-40-978Picsart_25-05-12_18-07-06-196

उम्र छिपाने के चक्कर में गुरुजी ने दो बार जन्म लिए। एक बर्थडे पर कर रहे सरकारी नौकरी और दूसरी को रखे है सहेज कर

0
IMG-20230819-WA0349

उम्र छिपाने के चक्कर में गुरुजी ने दो बार जन्म लिए। एक बर्थडे पर कर रहे सरकारी नौकरी और दूसरी को रखे है सहेज कर

,अब दांव पर मास्टरी।

 

आइडियल इंडिया न्यूज।

विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता,स्टेट हेड बिहार।

बिहार के सीतामढ़ी में एक ऐसे शिक्षक हैं जिनके दो-दो जन्मतिथि हैं। एक जन्मतिथि के आधार पर वे सरकारी नौकरी कर रहे हैं, तो दूसरी जन्मतिथि वाले प्रमाण पत्र को उन्होंने सहेज कर रखा है। मामला सामने आने पर अब गुरुजी अजब-गजब दलील दे रहे हैं। कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से उनके नाम से जारी प्रमाण पत्र उनका नहीं है। गुरुजी बचने के लिए चाहे लाख दलील दें, विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई का पूरा मन बना लिया है। खास बात यह कि विभाग कार्रवाई के लिए पुख्ता सबूत भी इकट्ठा कर लिया है। ताकि जब कार्रवाई पूरी हो, तो कोई सवाल नहीं उठा सके।

 

फिलहाल प्रधान शिक्षक हैं गुरुजी।

 

यह मामला सीतामढ़ी जिले के परिहार प्रखंड के मध्य विद्यालय, परसा उर्दू के प्रधान शिक्षक अब्दुस समद से जुड़ा है। जांच में उनके दो-दो जन्मतिथि होने की पुष्टि के बाद डीपीओ, स्थापना अमरेंद्र कुमार पाठक ने प्रधान समद से स्पष्टीकरण पूछा है। डीपीओ ने पूछा है, क्यों नहीं इस कृत्य के लिए सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जाये। उनको कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है। यानी इस फर्जीवाड़ा/ धोखाधड़ी के लिए उक्त प्रधान शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी भी संभव है। डीपीओ ने समद को भेजे पत्र में कहा है कि एक सरकारी सेवक का दो जन्म तिथि प्रमाण-पत्र हों, पूर्णतः जालसाजी एवं धोखाधड़ी का मामला परिचायक है। यह एक सरकारी सेवक के आचरण के प्रतिकूल है। यह मामला परिहार प्रखंड के शिक्षकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

शिकायत पर निलंबन, फिर मुक्त

बताया गया है कि शिक्षक समद की नियुक्ति 2002 में सोनबरसा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय, मुंहचट्टी उर्दू में हुई थी। उनकी पत्नी के निधन के बाद अनुकंपा पर उनकी नियुक्ति हुई थी। फिलहाल परिहार प्रखंड के मध्य विद्यालय, परसा उर्दू के प्रधान शिक्षक हैं। स्कूल में गड़बड़ी के चलते जुलाई 2022 में उन्हें निलंबित भी किया गया था। हालांकि कुछ ही माह बाद निलंबन मुक्त कर दिया गया था। वैसे प्रधान समद बराबर चर्चा में रहे हैं। वे गंभीर आरोपों को झेलते रहे हैं। वे कथित तौर पर स्कूल में दबंगई भी दिखाते रहे हैं। वैसे गांव के लोगों की एकजुटता से अब शिक्षक समद की नौकरी ही दांव पर लग चुकी है।

 

ग्रामीणों ने खोली है दो जन्मतिथि की पोल।

 

बताया गया है कि मई 2023 में परसा गांव के कुछ लोगों ने संयुक्त रूप से शिक्षक समद की शिकायत डीईओ और डीपीओ, स्थापना से की थी। बताया गया था कि समद मनमानी करते हैं। वह स्कूल को अपनी निजी संपत्ति समझते हैं। शिक्षक और बच्चों के साथ गाली – गलौज करने का भी आरोप लगाया गया था। ग्रामीणों ने शिकायत की थी समद के बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से निर्गत मैट्रिक के प्रमाण-पत्र में जन्म तिथि 13 अक्तूबर 1964 है, जबकि बिहार मदरसा बोर्ड से निर्गत आलिम के प्रमाण-पत्र में उनकी जन्म तिथि 12 दिसंबर 1970 है। ग्रामीणों ने मामले की जांच कराने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।

 

जांच में दो जन्मतिथि की पुष्टि।

मामले की जांच परिहार बीईओ को मिली। बीईओ ने जांच में पाया कि शिक्षक अब्दुल समद के जन्मतिथि को लेकर लगाया गया आरोप सच है। इस संबंध में बीईओ को शिक्षक समद ने बताया था कि मैट्रिक बोर्ड से निर्गत प्रमाण-पत्र उनका है, इससे इनकार किया था। हालांकि उन्होंने नौकरी मदरसा बोर्ड से निर्गत प्रमाण पत्र के आधार पर ली थी। इस बीच, डीपीओ स्थापना ने शिक्षक समद से 12 अगस्त को ही पत्र भेज उन्हें जानकारी दी थी कि दोनों जन्मतिथि वाला प्रमाण पत्र जांच में सही पाया गया है। उन्होंने तीन दिनों के अंदर समद से जवाब मांगा था। डीपीओ ने बताया, जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed