बिहार में अपराधियों के गोली के शिकार मृत पत्रकार के पिता ने सरकारी अनुदान को ठुकराया,कहा भीख नहीं सम्मान चाहिए

बिहार में अपराधियों के गोली के शिकार मृत पत्रकार के पिता ने सरकारी अनुदान को ठुकराया,कहा भीख नहीं सम्मान चाहिए।
आइडियल इंडिया न्यूज।
विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता,स्टेट हेड।
पटना/ अररिया। दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या का राज पुलिस ने सुलझा लेने का दावा किया है। इसके साथ ही मामले में नामजद किए गए आठ लोगों में से चार आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
इधर, मृतक पत्रकार विमल कुमार के पिता की ओर से एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने बेटे के क्रिया-कर्म के लिए सरकारी मदद लेने से इनकार कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, पत्रकार विमल कुमार के वृद्ध पिता हरेंद्र प्रसाद सिंह ने शनिवार को कहा कि उन्हें 20 हजार रुपये की सरकारी ‘भीख’ सरकार की ओर से दी जाने वाली राहत राशि नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार के अधिकारी ने उनके पुत्र की जान की कीमत 20 हजार रुपये लगाई है। उन्होंने बताया की रानीगंज अंचलाधिकारी शुक्रवार को मुझे 20 हजार रुपये का चेक देने आए थे।जिसे मैं लेने से इंकार कर दिया।और कहा की मैं अपने पुत्र का क्रिया-कर्म करने में सक्षम हैं। इस बूढ़ी हड्डी में अब भी जान है। उन्होंने कहा कि दो पुत्र को खो चुका हूं। छोटे पुत्र गब्बू यादव की पत्नी और एक पोते का भरण-पोषण तो कर ही रहा हूं।
अब भगवान ने मुझे दूसरे पुत्र विमल यादव की पत्नी व पोता-पोती का भार सौंपा है। भगवान का दिया हुआ यह भार भी किसी तरह निर्वहन कर लूंगा।
दो पुत्रों की मृत्यु का दुख, परिवार के भरण-पोषण एवं बच्चों की पढ़ाई की चिंता,अभी सता ही रही है कि सरकारी की ओर से अधिकारी 20 हजार का चेक ‘भीख’ के रूप में देकर चिढ़ाने आ गए।
मां की आंख में सूख गए आंसू।
वहीं, विमल की मां सुलोचना देवी अपने दोनों पुत्र के गम में रो-रोकर थक चुकी हैं। उनकी आंखों के आंसू सूख चुके हैं। वह अपने उजड़े हुए परिवार को सूखी आंखों से देख रही हैं।
विमल की बीमार पत्नी पूजा देवी अपने कर्ता पुत्र अभिनव आनंद, पुत्री रोमा कुमारी से लिपटकर बेसुध पड़ी हुई हैं। पुत्र अभिनव कर्ता बनकर आने-जाने वालों को अवाक होकर देखता है।
उसे समझ में नहीं आ रहा है आखिर क्या करे। जबकि पुत्री रोमा का रो-रोकर बुरा हाल है। विमल की हत्या के बाद घर में चूल्हा नहीं जला है। परिवार के सभी सदस्य भूखे-प्यासे आने-जाने वालों को निहारते रहते हैं।
पत्रकार हत्याकांड में आठ नामजद, चार बदमाश गिरफ्तार
दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या का राज पुलिस ने सुलझा लेने का दावा किया है। स्वजन ने इस मामले में आठ लोगों को नामजद किया है।
पुलिस ने शुक्रवार की देर रात छापेमारी कर चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। दो नामजद सुपौल और अररिया के जेल में बंद हैं, जबकि दो अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
जेल में बंद अपराधियों रूपेश यादव और क्रांति यादव पर हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है। पुलिस मोबाइल टावर का डाटा के इस्तेमाल से मामले की पड़ताल कर रही है। घटना में प्रयुक्त हथियार को बरामद करने का भी प्रयास जारी है।
विमल के पिता हरेंद्र प्रसाद सिंह के बयान पर प्रथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी के आधर पर पुलिस ने विपिन यादव, भवेश यादव, आशीष यादव और उमेश यादव को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए आरोपितों का आपराधिक इतिहास भी रहा है। पुलिस सुपौल जेल में बंद रूपेश यादव और अररिया जेल में बंद क्रांति यादव को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।
एसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बदमाशों ने घटना को अंजाम देने के बाद पड़ोस के जिले में शरण ले रखी थी। पुलिस टीम लगातार अपने मुखबिरों के संपर्क में थी।
मुखबिर ने भी रात दो बजे के बाद अपना मोबाइल बंद कर लिया था। पुलिस के समक्ष अपराधियों तक पहुंचने के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई।
डीएसपी रामपुकार सिंह और रानीगंज थाना प्रभारी कौशल कुमार के कठिन परिश्रम के बाद दो अलग-अलग ठिकानों पर छिपे बदमाशों का पता मिल गया। पुलिस ने चारों बदमाशों को देर रात दबोच लिया है।
इन लोगों से कड़ाई से पूछताछ करने के बाद भी घटना में प्रयुक्त हथियार का पता नहीं चला। अब पुलिस रूपेश यादव और क्रांति यादव को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
नेपाल भागने की तैयारी में थे अपराधी।
पकड़े गए अपराधी पड़ोसी देश नेपाल भागने की तैयारी में थे। लेकिन पुलिस की तत्परता की वजह से वे गिरफ्त में आ गए। हत्याकांड का मास्टरमाइंड शूटर अर्जुन शर्मा और माधव यादव हैं, जो फरार चल रहे हैं।
पुलिस इन दोनों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। एसपी ने उम्मीद जताई है कि आज देर रात तक दोनों फरार अपराधी पकड़ लिए जाएंगे।
इन अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
थाना प्रभारी को कागजी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
नमजद अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास
विमल की हत्या में गिरफ्तार भवेश यादव के विरुद्ध अररिया जिले के रानीगंज और भरगामा एवं पूर्णिया जिले के बनमनखी, किशनगंज जिले के बहादुरगंज में हत्या, डकैती और अन्य मामलों में केस दर्ज हैं।
दूसरे आरोपित विपिन यादव के विरुद्ध भी रानीगंज थाने में हत्या का मामला दर्ज है। तीसरे आरोपित माधव यादव के विरुद्ध रानीगंज थाने में ही हत्या, डकैती सहित चार मामले दर्ज हैं।
इन लोगों की आपराधिक गतिविधियां सीमांचल में थीं। दो अन्य अपराधी जो जेल में बंद हैं, उनके विरुद्ध भी थाने में कई मामले दर्ज हैं। नामजद आरोपितों में अधिकतर रानीगंज के रहने वाले हैं।
हत्यारों के विरुद्ध साक्ष्य जुटा रही पुलिस।
आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस घटना से जुड़े साक्ष्य भी जुट रही है। एसपी ने बताया कि एफएसएल की रिपोर्ट आने में एक-दो दिन का समय लगेगा।
रानीगंज के प्रेमनगर साधु आश्रम मोहल्ले में घटनास्थल के आस-पास दो जगहों पर सीसीटीवी लगा हुआ था। जिसमें एक जगह सुबह में बिजली नहीं होने के कारण सीसीटीवी बंद था। वहीं, एक जगह सीसीटीवी में टाइमिंग शो नहीं कर रहा था।
उन्होंने कहा कि विमल कुमार यादव के द्वारा एसपी कार्यालय एवं थाने में अपनी सुरक्षा या लाइसेंस से संबंधित कोई आवेदन नहीं दिया गया है।
थानास्तर पर भी विमल के द्वारा अपनी सुरक्षा से संबंधित कभी कोई मौखिक शिकायत नहीं की गई थी। ज्ञात हो कि रानीगंज के पत्रकार विमल कुमार यादव की अपराधियों ने शुक्रवार तड़के घर से बाहर बुलाकर गोली मार कर हत्या कर दी थी।