साहित्यकार की कोई भी रचना हो, चाहे कहानी, कविता, नाटक या किसी प्रकार की साहित्य रचना हो, यह सब हमारी अमूल्य धरोहर है-मंडलायुक्त आजमगढ़

साहित्यकार की कोई भी रचना हो, चाहे कहानी, कविता, नाटक या किसी प्रकार की साहित्य रचना हो, यह सब हमारी अमूल्य धरोहर है-मंडलायुक्त आजमगढ़
आइडियल इंडिया न्यूज़
संजय कुमार पांडेय आजमगढ़
आजमगढ़ 24 फरवरी– आजमगढ़ साहित्य महोत्सव-2024 के आज दूसरे दिन हरिऔध कला केंद्र आजमगढ़ में मंडलायुक्त श्री मनीष चौहान एवं जिलाधिकारी श्री विशाल भारद्वाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। जिलाधिकारी ने मंडलायुक्त महोदय को शाल एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।
मंडलायुक्त ने हरिऔध कला केंद्र में उपस्थित छात्र/छात्राओं, साहित्यकारों, कवियों एवं लेखकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आजमगढ़ में पहली बार साहित्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन के लिए सबसे पहले परिकल्पना एवं संकल्पना किया, उसको बधाई हो। इस प्रकार के आयोजन किए जाने चाहिए, जिससे सभी लोग रचनात्मक चीजों से जुड़ें। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यों के साथ ही यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है, इसके लिए समय अवश्य निकालना चाहिए, इससे हमें रचनात्मक एवं ऊर्जा देने के साथ ही सोचने की क्षमता को बढ़ाता है। उन्होंने जिलाधिकारी आजमगढ़ को पिछले कुछ दिनों से लगातार इस प्रकार के आयोजन के लिए बधाई दी, सभी लोग जो इससे जुड़े हैं, उनकी पूरी टीम एवं अधिकारियों को बधाई दी।
इसके साथ ही जनपद के सम्भ्रान्त नागरिकों को भी बधाई दी, जो इसको लगातार सफल बना रहे हैं। आजमगढ़ महोत्सव, फिल्म फेस्टिवल, पुस्तक मेला, खेल मौसम का आयोजन किया गया, जिससे साबित होता है कि जिला प्रशासन पूरी तरह से संवेदनशील है तथा यहां के नागरिक द्वारा ऐसे कार्यक्रमों में रुचि लेकर सफल बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में यह बहुत अच्छी शुरुआत है, जिससे कहानियां, कॉमिक्स एवं पुस्तकों को पढ़ लोग पहले इससे जुड़ते थे। उन्होंने कहा कि अब डिजिटल युग आ गया है, बच्चे ऑनलाइन चीजों से जुड़ने लगे हैं, इस समय में इस प्रकार के आयोजनों की प्रासंगिकता और अधिक बढ़ गई है। इस प्रकार के आयोजन से बच्चों को और अधिक जुड़ना चाहिए, जिससे इनको पता चले कि हमारी साहित्यिक धरोहर कितनी समृद्धशाली है, हमारे रचनाकारों ने कितनी अच्छी रचनाएं की हैं, चाहे वह कहानी हो, कविता हो, नाटक हो या अन्य प्रकार की रचना हो, यह सब हमारे साहित्यिक, सांस्कृतिक धरोहर है। उन्होंने कहा कि यदि समाज एवं अपने इतिहास को समझना है तो यह सब भी पढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि किसी साहित्यकार की कोई भी रचना हो, चाहे कहानी, कविता, नाटक या किसी प्रकार की साहित्य रचना हो, यह सब हमारी अमूल्य धरोहर है।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यहां आए बच्चों एवं साहित्य प्रेमियों को कुछ न कुछ सीखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि हरिऔध जी, राहुल सांकृत्यायन, शिब्ली, कैफी आजमी एवं अन्य रचनाकारों के बारे में अच्छी जानकारी दी जाएगी। इस प्रकार के आयोजन होते रहना चाहिए। यह पहला संस्करण है, आजमगढ़ साहित्य महोत्सव को आने वाले समय में इसे बहुत अच्छी तरीके से किया जाएगा। इसके आयोजन के लिए एक बार पुनः सबको बधाई।
इसके पूर्व कन्हैया लाल अस्थाना, प्रो0 वेद प्रकाश उपाध्याय, प्रो0 अलाउद्दीन शिबली, इलियास आजमी, उमेश चंद श्रीवास्तव, डॉ0 जयप्रकाश, सरोज यादव, डॉ0 इंदु, शिवप्रसाद शर्मा, प्रो0 जगदंबा दुबे, शैलेंद्र, श्रीमती स्नेहलता, राकेश पांडेय, घनश्याम यादव, रामबचन यादव, संजय कुमार पांडेय सरस, रत्नेश राय, डॉ0 अखिलेश सिंह, अतुल कुमार यादव आदि साहित्यकार, कवियों एवं रचनाकारों का स्वागत सम्मान मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी द्वारा किया गया। अयोध्या सिंह उपाध्याय “हरिऔध”, महापंडित राहुल सांकृत्यायन, विश्वनाथ लाल शैदा के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रथम सत्र में डॉ0 राजाराम सिंह, प्रो0 जगदंबा दुबे, प्रो0 गीता सिंह ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में कवि, लेखक, रचनाकार, साहित्यकार एवं विभिन्न विद्यालयों के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।