हत्या के दो दोषियों को उम्रकैद

हत्या के दो दोषियों को उम्रकैद
*२५- २५ हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक- एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
* धारदार हथियार से गला काट कर १७ वर्ष पूर्व हुए सुक्खूराम प्रजापति हत्याकांड का मामला
* मृतक की पत्नी अगर जीवित होगी तो उसे अथवा मुकदमा वादी के बेटे को बतौर प्रतिकर एक लाख रूपये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य सरकार से दिलाया जाएगा
आइडियल इंडिया न्यूज़
संतोष कुमार नागर
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सोनभद्र। धारदार हथियार से गला काट कर १७ वर्ष पूर्व हुए सुक्खूराम प्रजापति हत्याकांड के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषियों शंकर पाल तथा बुद्धिराम उर्फ वकील को उम्रकैद व २५-२५ हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक- एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं मृतक की पत्नी अगर जीवित होगी तो उसे अथवा मुकदमा वादी के बेटे को एक लाख रूपये बतौर प्रतिकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य सरकार से दिलाया जाएगा।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक केशव राम पुत्र सुक्खूराम प्रजापति निवासी अवई, थाना चोपन, जिला सोनभद्र ने ०७ मार्च २००७ को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसके पिता ने अपना खेत बटाई पर शंकर पाल पुत्र मटुकधारी निवासी अवई, थाना चोपन, जिला सोनभद्र को दिया था। फसल कटने के बाद शंकर पाल पूरी फसल अकेले ले जाना चाहता था। जिसपर उसके पिता ने कहा कि फसल अधिया पर दिया था। इसलिए आधी- आधी फसल दोनों लोगों को मिलेगी। बटाई के बाद उसके पिता ने कहा कि अब अपनी जमीन बोने के लिए नहीं दूंगा। इस पर शंकर पाल नाराज हो गया।इसके बाद शंकर पाल अपने साथी बुद्धिराम उर्फ वकील पुत्र छत्तर निवासी अवई, थाना चोपन, जिला सोनभद्र समेत एक अन्य साथी के साथ मिलकर उसके पिताजी की धारदार हथियार से गला काट कर हत्या कर शव को सड़क पर फेंक दिया। इस घटना को कई लोगों ने देखा था। आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर तीन लोगों के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। विचारण के दौरान एक अभियुक्त की मौत हो गई। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों शंकर पाल और बुद्धिराम उर्फ वकील को उम्रकैद व२५- २५ हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक- एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं मृतक की पत्नी अगर जीवित होगी तो उसे अथवा मुकदमा वादी के बेटे को एक लाख रूपये बतौर प्रतिकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य सरकार से दिलाया जाएगा। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने बहस की।