गुरु बिन ज्ञान कहां * शिष्य बिन मान कहां

गुरु बिन ज्ञान कहां
शिष्य बिन मान कहां
गुरु की महिमा निराली है
गुरु तो शक्तिशाली है
गुरु ही मार्ग दर्शक है
गुरु सवालो की कुंजी है
गुरु की वाणी एक कहानी है
अच्छे बुरे का पाठ गुरु की निशानी है
गुरु से हिम्मत है ताकत है
शिष्य को गुरु कृपा से लाभ है
गुरु से जग रोशन है
गुरु से मन स्वतंत्र है
गुरु भविष्य की नीव है
बच्चों का विकास है
कामयाबी की कड़ी है
गुरु मुस्कान है बच्चो की
गुरु शान है जीवन की
गुरु के मंत्रो में जिंदगी के रंग छुपे है
जिससे इंद्रधनुष बना है इंद्रधनुषी रंग बने है
जीवन रूपी अंधेरे प्रकाश है
गुरु से हर दिन खास है
गुरु से ही समाज में प्रतिष्ठा है
सम्मान है और प्राण है
जिम्मेदारी है अहसास है
गुरु की गुणवत्ता से प्यार है
तरक्की गुणों का अहसास है
मौलिक, स्ववराचित, अप्रकाशित
डॉक्टर संजीदा खानम,शाहीन,✍️ जोधपुर राजस्थान