06/07/2025
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लेखिका संजू कुमारी पूर्वे को मिला ” हिंदी काव्य रत्न ” सम्मान 

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लेखिका संजू कुमारी पूर्वे को मिला ” हिंदी काव्य रत्न ” सम्मान

आइडियल इंडिया न्यूज़

आनन्द गिरि मायालु

लुंबिनी, सितंबर 14। जिले की प्रसिद्ध कवियित्री तथा लेखिका का नेपाल में सम्मान किया गया है। नेपाल के लुंबिनी में आयोजित किए गए एक अंतरराष्ट्रिय स्तर के कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल राज्य के जलपाईगुडी जिले की शान संजू कुमारी पूर्वे को सम्मानित किया गया है। नेपाल की प्रसिद्ध संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल द्वारा भाषा तथा साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले रचनाकारों को एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से सम्मानित किया गया है।

आज हिंदी दिवस के मौके पर शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल द्वारा आयोजित किए गए हिंदी दिवस अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में बहुमुखी प्रतिभा की धनी शिक्षिका तथा साहित्यकार संजू कुमारी पूर्वे को ” हिंदी काव्य रत्न ” मानद उपाधि सम्मान से सम्मानित किया गया है। संजू कुमारी पूर्वे जलपाईगुड़ी जिले की लेखिका हैं । संजू कुमारी पूर्वे जिले के बीरपारा स्थित ज़ोरम बैपटिस्ट मिशन स्कूल में पी जी टी की हिंदी शिक्षिका पद पर कार्यरत हैं। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु कहते हैं – संजू कुमारी पूर्वे की पहली रचना का सम्मान हुआ है इनसे भविष्य में बहुत अधिक संभावनाएं हैं। घर परिवार, शिक्षा तथा साहित्य का सामंजस्य स्थापित करना महिला लेखिकाओं के लिए एक साहसिक कार्य ही माना जायेगा। ऐसी नव प्रतिभाओं को समाज तथा राज्य की ओर से प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। श्रेष्ठ लेखक के लेखन से असल समाज का निर्माण होता है जो विकास और सकारात्मक परिवर्तन के लिए लिखते हैं।

आयोजित किए गए इस प्रतियोगिता में नेपाल, भारत, अमेरिका, कनाडा तथा तंजानिया से 6742 महिला पुरुष रचनाकारों की सहभागिता थी जिसमें 675 प्रतिभाओं का उत्कृष्ट कविता के आधार पर चयन कर सम्मानित किया गया है। आयोजक संस्था को धन्यवाद देते हुए नवोदित साहित्यकार संजू कुमारी पूर्वे ने कहा – शब्द प्रतिभा वर्षों से देश विदेश के कवि तथा लेखकों को विभिन्न प्रतियोगिता के माध्यम से सम्मान कर प्रोत्साहित करती आई है । निःसंदेह संस्था द्वारा किए जा रहे ऐसे कार्य से हम जैसे हजारों अग्रज तथा नवोदित शिक्षकों तथा लेखकों को प्रोत्साहन मिला है। देश विदेश में हिंदी का प्रचार प्रसार करने वाली इस संस्था को भारत सरकार की ओर से सम्मान कर हौसला अफजाई करने की जरूरत है। संस्था की सचिव चरना कौर कहती हैं – हिंदी आज किसी एक देश की भाषा नहीं बल्कि विश्व भाषा बन चुकी है। सभी के अपनी भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। इस प्रतियोगिता में हजारों शिक्षकों तथा लेखकों ने देश विदेश में प्रतिभागिता की जो संस्था के लिए गर्व का विषय है। “

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