सुप्रीम कोर्ट का आदेश,* *आर्य समाज को मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने का नही है कोई अधिकार*
*सुप्रीम कोर्ट का आदेश,*
*आर्य समाज को मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने का नही है कोई अधिकार*
*अधिकारियों का है ये काम*
आइडियल इंडिया न्यूज़
होंगे। अनीस अहमद बख्शी एडवोकेट प्रयागराज
*जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की अवकाशकालीन बेंच ने आरोपी के वकील की इस दलील को किया खारिज ….. की लड़की बालिग है और उन्होंने एक आर्य समाज मंदिर में की है शादी*….. *और इससे जुड़ा मैरिज सर्टिफिकेट रिकॉर्ड पर रखा जा चुका है*
*कोर्ट ने इसी के साथ एक नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका की खारिज*
*गौरतलब है की राजस्थान हाईकोर्ट ने पांच मई को आरोपी की जमानत याचिका कर दी थी खारिज*
*भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366ए, 384, 376(2) (एन) और 384 पॉक्सो अधिनियम की धारा पांच के तहत दंडनीय अपराध के लिए राजस्थान के नागौर स्थित पादुकलां थाना क्षेत्र में प्राथमिकी की गई थी दर्ज …… जिसके आधार पर अभियुक्त को किया गया था गिरफ्तार*
*हाई कोर्ट के सामने आरोपी के वकील ने तर्क दिया था कि एफआईआर डेढ़ साल की देरी से की गई है दर्ज ……. और एफआईआर दर्ज करने में देरी के बारे में शिकायतकर्ता ने नही दी है कोई सफाई*
*आरोपी के अधिवक्ता ने कहा था कि अभियोक्ता एक बालिग लड़की है और आरोपी और अभियोक्ता के बीच शादी पहले ही …. आर्य समाज मंदिर में हो चुकी है और शादी का प्रमाण पत्र भी रिकॉर्ड पर उपलब्ध है*
*हाईकोर्ट ने कहा था कि अभियोक्ता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज अपने बयान में याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाया है बलात्कार का एक विशिष्ट आरोप …… यह भी कहा गया था कि लड़की ने बयान दिया था कि आरोपी ने एक कोरे कागज पर उसके दस्तखत लिये थे और घटना का एक वीडियो भी किया था तैयार*
*बताते चलें की सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश पर लगा दी थी रोक …… जिसमें … आर्य समाज को विशेष विवाह अधिनियम 1954 के प्रावधानों के अनुसार विवाह करवाने का दिया गया था निर्देश*