मिनी सचिवालय जक्खिनी में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन,प्रगति प्रेरणा संकुल समिति का वार्षिक आम सभा संगोष्ठी हुआ सम्पन्न
मिनी सचिवालय जक्खिनी में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन,प्रगति प्रेरणा संकुल समिति का वार्षिक आम सभा संगोष्ठी हुआ सम्पन्न
स्वयं सहायता समूह’ महिलाओं को बना रहा आत्मनिर्भर,हौसलों को मिल रही उड़ान…दिलीप कुमार सोनकर
विकास श्रीवास्तव/जयचन्द
वाराणसी: आराजी लाइन विकास खण्ड के ग्राम पंचायत जक्खिनी मिनी सचिवालय पर बृहस्पतिवार को आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रगति प्रेरणा संकुल समिति के द्वारा वार्षिक आम सभा विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।आराजी लाइन विकास खण्ड के करीब तीस ग्राम पंचायतों से आई हुई महिलाओं ने आपस मे स्वयं सहायता समूह से आत्मनिर्भर बनने की जानकारी उपस्थित लोगों को दी और किस प्रकार से कौन सा कार्य प्रारंभ करके जीविकोपार्जन को खुशनुमा बनाया जा सकता है महिलाओं ने जोरदार नारे लगाये ” हम भारत की नारी है,फूल नही चिंगारी है ” व ” आजीविका मिशन आई है,नई रोशनी लाई है ” के साथ नुक्कड़ नाटक करते हुए उपलब्धिया बताई।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुते उपायुक्त स्वतः रोजगार वाराणसी दिलीप कुमार सोनकर ने बताया कि महिलाओं को स्वयं सहायता समूह आर्थिक रूप से मजबूत बना रहा हैं,महिलाएं इसकी सहायता से न केवल आत्मनिर्भर बनी हैं,बल्कि एक बेहतर जीवन भी जी रही हैं।महिलाओं के इस काम में अब उनका परिवार भी साथ दे रहा है।जिले की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रही हैं इसके लिए महिला एकल प्रयास के साथ ही स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा रहा है।इनके माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाया जा रहा है।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को व्यवसाय के साथ जोड़ा जा रहा है,स्वयं सहायता समूह के जरिए हर दिन उपयोग में आने वाली चीजों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है साथ ही मार्केटिंग का तरीका बताकर कमाई को बढ़ाया जा रहा है यहां महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही हैं।
महिलाएं बढ़ रही हैं आगे हौसलों को दे रहीं उड़ान
आराजी लाइन के करीब तीस ग्राम पंचायतों की महिलाओं के कार्य और व्यवसाय की चर्चा हर तरफ है इससे जुड़ी करीब दर्जनभर महिलाएं गांव में ही फाइल कवर,लिफाफा,झोला आदि बनाती हैं और इनकी बिक्री भी खुद ही करती हैं।इसके लिए वह बैंक,ब्लॉक और तहसील के अधिकारियों,किराना और मेडिकल स्टोर की दुकानों पर संपर्क करती हैं ये लोग अपनी गुणवत्ता पूर्ण सामग्री को बाजार से कम रेट पर बेच देती हैं इसके साथ ही ग्राहकों का भरोसा भी इनके साथ जुड़ता जा रहा है काम करने वाली महिलाएं कहती हैं कि उनकी कोशिश है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की तरफ से उन्हें जो ट्रेनिंग दी गई है,उसके आधार पर वह अपने गांव में सीखी गईं सभी चीजों को तैयार करें।
खुशहाल हो रहा है जीवन
इन महिलाओं की मेहनत और उत्साह को देखने के बाद आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना मजबूत होती दिखाई देती है।कोरोना संक्रमण के कारण संकट में आई जिंदगी को उबारने के लिए सुमन देवी,नीलम,बेबी,फरजाना बेगम,लक्ष्मी देवी,रीना सिंह ने एकजुट होकर प्रयास शुरू किया था आज उनकी जेब में पैसा और चेहरे पर उत्साह के साथ मुस्कान भी है परिवार भी उनके साथ खड़ा है।कार्यक्रम का संचालन पुस्तक लेखपाल सुमन देवी ने किया।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ग्राम प्रधान जक्खिनी प्रशांत उपाध्याय, ग्राम प्रधान बुड़ापुर संजय यादव,ब्लाक मिशन मैनेजर रमेश कुमार राव,क्लस्टर कोऑर्डिनेटर शिव कुमार चौहान,रीजनल कोऑर्डिनेटर मनोज कुमार,सतीश कुमार,सुनीता,चंद्रावती,आशा,अनीता,मनीषा,रानी,रेखा,संजू,नीलम,अनीता देवी,श्रवण कुमार सिंह इत्यादि लोग रहे।