आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति में वरीयता दे
आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति में वरीयता दे
आइडियल इंडिया न्यूज़
अखिलेश मिश्र “बागी” मिर्जापुर
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मिर्जापुर शाखा के अध्यक्ष नारायणजी दुबे ने 12 सितंबर को जारी प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि उन्होंने आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित नियुक्तियों में वरीयता देने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव के आधिकारिक ईमेल आईडी पर एक ज्ञापन भेजा गया है ।प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में लाखों की संख्या में आउटसोर्स कर्मचारी सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। सेवा प्रदाता एजेंसिया आउटसोर्स कर्मचारियों का भरपूर शोषण कर रही है।सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद भी आउटसोर्स कर्मचारी सेवा प्रदाता एजेंसियों के शोषण के शिकार हैं। उनको मनमाने ढंग से सेवा से पृथक कर दिया जाना, मनमानी मजदूरी दिया जाना उनके शोषण का हिस्सा है। उनके वेतन संतक्षण के संबंध में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं ,परंतु उनको नियमित सेवा में लेने की कोई योजना सरकार के पास नहीं है।
एसजीपीजीआई, एनएचएम जैसे विभागों में आउटसोर्सिंग /संविदा पर कार्यरत कर्मचारी :-
सृजित पदों के सापेक्ष निर्धारित योग्यता एवं अर्हता रखते हुए नियमानुसार गठित चयन समिति के माध्यम से चयनित होकर आए हैं। नियुक्तियां करते समय आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया जाता है, जोकि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष जे.एन. तिवारी ने मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि नियमित युक्तियां करते समय आउट सोर्स/ संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की योग्यता एवं उनके द्वारा पूर्व में की गई सेवाओं को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें वरीयता /वेटेज /प्राथमिकता दिए जाने पर शासन विचार करें ।आउटसोर्स कर्मचारी धीरे धीरे सेवा में आने की अधिकतम आयु सीमा पार कर रहे हैं ।उनका भविष्य संरक्षित करने के लिए उन्हें नियमित नियुक्तियों में वरीयता देना अति आवश्यक है। तिवारी ने अवगत कराया है कि इस संबंध में पूर्व में मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव के साथ चर्चा हो चुकी है तथा यह मत भी स्थिर हुआ है कि “आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति में वरीयता दिया जाना चाहिए” परंतु इस समय में आदेश अभी तक जारी नहीं हो सका है।