भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा एवं माखनचोर की लीलाओं का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता*
*भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा एवं माखनचोर की लीलाओं का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता*
*16 कलाओं के अवतारी योगेश्वर श्रीकृष्ण की लीलाएं व जीवनशैली हर युग में प्रसागिंक हैं —कथाव्यास उमापति मिश्र*
शरद कपूर
सीतापुर
जनपद के ऐतिहासिक कस्बे खैराबाद में स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भुइंयाताली में स्थित पूर्वी माता मंदिर के प्रांगण में शारदीय नवरात्रि के उपलक्ष्य में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कमाल सराय उदासीन संगत के महंत बजरंग मुनि दास के तत्वाधान में किया जा रहा है। उक्त तीर्थ स्थान पर भुवनेश्वर नाथ धाम प्रतापगढ़ के सुप्रसिद्ध कथा व्यास उमापति मिश्र के मुखारविंद से श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।
शनिवार की रात में कथा वाचक उमापति मित्र ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव का अति सुंदर एवं सारगर्भित शब्दों में बखान किया जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता में से कई महिलाएं भक्त खुशी से झूमने लगी और वह अपने आप को रोक न सकी मंच पर आकर उन्होंने विधिवत पृष्ठ श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाते हुए खुशियों को प्रकट किया। श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बाद कथा वाचक श्री मिश्र ने पूतना वध, बकासुर वध, गयासुर वध, अजासुर वध, कालिया दाह मर्दन आदि श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए शनिवार की रात को कथा का विश्राम दिया। कथा व्यास श्री मिश्र के साथ हारमोनियम पर रमेश पांडे तो ढोलक पर रमाशंकर तिवारी एवं कीर्तनकार डीपी शुक्ला व मयंक शुक्ला उनका बखूबी साथ निभा रहे हैं।
पूर्वी माता मंदिर दुनिया ताली तीर्थ पर आयोजित इस सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान महंत बजरंग मुनि महाराज के अतिरिक्त निरंकार गुप्ता, मनीष सिंह चौहान, सुमन कपूर, रामजी गुप्ता, क्षमा महेन्द्र, निधि कपूर, दीपक कुमार, बाबूराम जोशी, प्रियंक कपूर, राजेश सैनी, धुरिया बाबा, बब्लू गुप्ता, सोनू महेन्द्र सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तगण अपनी उपस्थित दर्ज कराकर संगीतमय कथा का नित्यप्रति रसास्वादन कर भावविभोर हो रहे हैं।
सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा
मुख्य यजमान के रूप में शैलेन्द गुप्ता-संध्या गुप्ता, राम नरेश राजपूत-सुनीता देवी, राम कुमार पाल-श्यामा कुमारी पति – पत्नी की जोड़ी गठबंधन के साथ कथा का आनंद ले रहे हैं।
सात दिवसीय से श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य आयोजक महंत बजरंग मुनि दास ने क्षेत्र के श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा है कि आप लोग बड़ी संख्या में यहां आकर कथा में भाग लेकर पुण्य के भागीदार बने एवं अंतिम दिवस नवमी के दिन सभी भक्तगण प्रातः से देर रात्रि तक होने वाले भंडारे में अपना प्रसाद अवश्य ग्रहण करें।