अतीत के आईने में 19 अक्टूबर का दिन
अतीत के आईने में 19 अक्टूबर का दिन
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जब आंदोलन को जनांदोलन बना गये थे महंत अवैद्यनाथ जी!
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मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी
विशेष संवाददाता
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सोनभद्र। गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर रहे महंत अवैद्यनाथ जी आज ही के दिन 19 अक्टूबर को जनपद सोनभद्र के चोपन में आयोजित एक जनसभा में अपने प्रभावी भाषण से आंदोलन को जन- आंदोलन का रूप देकर इतिहास रच गए थे। यह बातें उस समय आंदोलन से जुड़े रहे संघ कार्यकर्ता और पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने मंगलवार को इस संवाददाता से वार्ता करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि 12 जुलाई 1984 को जब रामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन किया गया तो महंत अवैद्यनाथ जी को इसका अध्यक्ष चुना गया था। गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर अवैद्यनाथ जी के गुरु महंत दिग्विजयनाथ जी भी अयोध्या आंदोलन से जुड़े थे। 22 दिसंबर 1949 को श्रीराम लला प्रगट हुए तब वहाँ पूजा अर्चना की विधिवत व्यवस्था कराने और गोपाल सिंह विशारद से न्यायालय में मुकदमा कराने में महंत दिग्विजय नाथ एवं विनायक
दामोदर सावरकर की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही। श्री मिश्र ने आगे बताया कि महंत अवैद्यनाथ जी चार बार गोरखपुर से सांसद रहे और इनके गुरु महंत दिग्विजय नाथ जी भी इनके पूर्व गोरखपुर से सांसद रहे। इतना ही नहीं महंत अवैद्यनाथ जी के शिष्य और वर्तमान में गोरक्षनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी सांसद रहे। वर्तमान में योगी जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए श्रीराम मन्दिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं ।
गौरतलब हो कि श्रीराम मंदिर आंदोलन से गोरक्षपीठ का तीन पीढ़ियों का प्रगाढ़ सम्बंध रहा है। गर्व है कि वर्तमान में योगी आदित्यनाथ जी प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और श्रीराम मंदिर का भव्य व दिव्य निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है। श्री मिश्र ने आगे बताया कि अति शीघ्र देश- विदेश की जनता को दर्शन हेतु भव्य एवं दिव्य श्रीराम मंदिर की अनुपम छटा ना सिर्फ देखने अपितु सनातन संस्कृति के अनुरूप दर्शन पूजन करने का सौभाग्य प्राप्त हो सकेगा।