घोटाले का चरमोत्कर्ष ,प्रधान ,पंचायत मित्र व ग्राम पंचायत अधिकारी मिलकर डकार रहे विकास का पैसा
घोटाले का चरमोत्कर्ष ,प्रधान ,पंचायत मित्र व ग्राम पंचायत अधिकारी मिलकर डकार रहे विकास का पैसा
जनपद सीतापुर के विकासखंड बेहटा की ग्राम पंचायत पलौली मे हो रहे भ्रष्टाचार का मामला
पंचायत मित्र व प्रधान दोनों सगे भाई एक ही ग्राम पंचायत में तैनात एक ब्राह्मण तथा दूसरे ने फर्जी अभिलेख बनाकर बन बैठा हरिजन सीट पर ग्राम प्रधान
प्रधान ने अपने तथा अपनी बीवी के नाम से लिया आवास का दोहरा लाभ
आइडियल इंडिया न्यूज़
संदीप मिश्रा
लहरपुर सीतापुर
प्रदेश की योगी सरकार भले ही यह प्रयास करती बराबर देखी जा रही है तथा विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों के विकास के लिए विभिन्न मदों से विकास का पैसा भेजा जा रहा है किंतु विकासखंड बिहटा में फैला भ्रष्टाचार योगी सरकार को खुली चुनौती देता देखा जा रहा है !विकास खंड अधिकारी आत्मप्रकाश सब कुछ देखते हुए अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं !ऐसा क्यों हम कह रहे हैं ?तो डालिए इस पर एक नजर ,आप अचंभित अवश्य होंगे! विकासखंड बेहटा की ग्राम पंचायत पलवली परिसीमन के आधार पर एस सी सीट डिक्लेअर की गई थी और फिर ग्राम प्रधान धर्मेंद्र पुत्र शिव बिहारी मिश्रा तथा दूसरा भाई जितेंद्र मिश्रा पुत्र शिव बिहारी मिश्रा दोनों एक ही ग्राम पंचायत में एक हरिजन सीट पर ग्राम प्रधान है तो दूसरा ब्राम्हण के रूप में पंचायत मित्र !
भ्रष्टाचार की कहानी यहीं से शुरू होती है! नियमानुसार दो सगे भाई एक ही ग्राम पंचायत में प्रधान तथा पंचायत मित्र नहीं हो सकते !रही दूसरी बात, एक हरिजन तथा दूसरा ब्राह्मण यह कैसे संभव ?बताते चलें शिव बिहारी मिश्रा जोकि ग्राम कनकारी के निवासी हैं ,हुआ यह शिव बिहारी के एक पत्नी पहले से थी जिससे जितेंद्र जो पंचायत मित्र हैं और अपने को ब्राह्मण लिखते हैं तथा दूसरी पत्नी कमलेश जो ग्राम पंचायत पलवली के ग्राम रेगट्टा की एक नृत्य कलाकार थी ,बताते हैं कि शिव बिहारी की इस नृत्य कलाकार पर नज़र ए इनायत हुई और इनसे शादी कर ली !इनके संसर्ग से पुत्र धर्मेंद्र उत्पन्न हुआ जो कि अपनी मां की जाति का प्रमाण पत्र बनवा कर फर्जी तरीके से 80 सीट पर ग्राम प्रधान बना बैठा है !बताते चलें भारतीय संविधान के अनुसार स्त्री किसी जाति में नहीं जोड़ी जाती! जब उसकी शादी हो जाती है तो वह अपने पति की जाति से ही जोड़ दी जाती है! ऐसे में धर्मेंद्र की जाति ब्राह्मण ही मानी जाएगी, जो फर्जी कागजों के आधार पर 80 सीट पर प्रधान के पद पर काबिज है !और इसी भ्रष्टाचार के साथ आगे जुड़ता है कि ग्राम प्रधान धर्मेंद्र ने गरीबों को मिलने वाले आवासों में बड़ा हेरफेर किया है तथा अपने और अपनी पत्नी के नाम से सरकारी आवास का दोहरा लाभ उठाया है! मोहिनी देवी पत्नी धर्मेंद्र आईडी नंबर 1648 41 खाता संख्या 50 2281 32233 धन निकासी वर्ष 2014 15,धर्मेंद्र पुत्र शिव बिहारी आईडी नंबर 1630 509 तथा खाता संख्या 21 848 3352 55 धन निकासी वर्ष 2015 16,इस तरह प्रधानमंत्री आवास का पैसा पति पत्नी दोनों मिलकर डकार गए !खंड विकास अधिकारी से जिला अधिकारी तक ग्रामीणों द्वारा तमाम शिकायतें की गई
किंतु अधिकारियों द्वारा इस बंदरबांट की जांच कराना भी मुनासिब नहीं समझा गया और सारी शिकायतें रद्दी की टोकरी में डाल दी गई !यही नहीं मरम्मत कार्य के नाम पर नल विभोर तालाब खुदाई के नाम पर मनरेगा का पैसा नाला सफाई ह्यूम पाइप आवास, लेबर का पैसा बिना कार्य के फर्जी तरीके से कागजी खानापूर्ति कर निकाला गया है! मजदूरों का पैसा अपने चहेतों की आईडी लगाकर मनरेगा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी शिकायतें समय-समय पर ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों से की जाती रही है! किंतु कार्यवाही के नाम पर केवल आम जनमानस को ठेंगा ही अब तक दिखाया गया है! ग्राम पंचायत सहित विकासखंड बेहटा में हुए विकास कार्यों की भौतिक सत्यापन के साथ यदि जांच करा ली जाए तो करोड़ों रुपए का घोटाला आम जनता के सामने आ जाएगा!