वीडियो देखें👇👇 रविंद्र नाथ पाठक के अपहरण का ज्ञापन जज सिंह अन्ना ने जिलाधिकारी जौनपुर को सौंपा
रविंद्र नाथ पाठक के अपहरण का ज्ञापन जज सिंह अन्ना ने जिलाधिकारी जौनपुर को सौंपा
रविन्द्र नाथ पाठक का प्राण बचाने एंव 48 घंटे के अंदर मामले का पर्दाफाश करने का आग्रह किया*
गांव वाले डर के मारे घर से बाहर पेशाब करने भी नहीं निकल रहे हैं ।
आइडियल इंडिया न्यूज़
शैलेश तिवारी मडियाहूं जौनपुर
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मछली शहर विधानसभा के थाना बरसठी अंतर्गत गोपालपुर गांव में 29 तारीख की रात को घर में अकेले रह रहे पूर्व अध्यापक रविंद्र नाथ पाठक पुत्र स्व.कौशल नंदन पाठक उम्र 66 वर्ष का कुछ अज्ञात लोगों ने अपहरण किया अपहरणकर्ताओं ने घर के अंदर सीसीटीवी कैमरे तोड़े जेवरात कीमती सामान, बैंग से कागजात और रविंद्र नाथ पाठक को भी अपहरणकर्ता साथ में ले गए और बाहर से घर का ताला बंद कर दिए 4 दिन बाद गांव वालों ने कहां रवींद्नाथ नहीं दिखाई पड़ रहे हैं खोजबीन जारी हुई किसी एक लड़के ने बताया कि एक कोई गाड़ी 2:00 बजे रात में आई थी वहां रुकी थी शेष किसी को जानकारी नहीं है गांव वालों ने रविंद्र नाथ पाठक के पुत्र को जो स्टेट बैंक में सर्विस करते हैं बुलाया और घर का ताला तोड़ वाया अंदर सब सामान बिखरा हुआ था थाना बरसठी पुलिस को बुलाया गया पुलिस ने बिना डॉग स्क्वायड को लिए खोजबीन जांच पड़ताल शुरू किया फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ को भी बरसठी पुलिस ने नहीं बुलाया इस बात का गांव वालों को आक्रोश हैं
अतः आज 7 नवम्बर को जिलाधिकारी जौनपुर को मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार से संबोधित ज्ञापन समाज सेवी जज सिंह अन्ना ने जिलाधिकारी जौनपुर को सौंपा और कहा यदि 48 घंटे में मामले का पर्दाफाश नहीं होता है तो जनता अन्य विकल्प चुनने को बाध्य होगी रविंद्र नाथ पाठक की पत्नी शाहजहांपुर में अध्यापक हैं बेटा बैंक में सर्विस करता है और बहू भी सर्विस करती है पूर्ण सुरक्षित मकान में रविंद्र नाथ पाठक अकेले रहते थे दिन में भी किसी के लिए ताला नहीं खोलते थे लेकिन रात में कैसे उन्होंने ताला खोला किन परिस्थितियों में ताला खोला यह अभी तक किसी को पता नहीं है
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि पुलिस द्वारा मामले को दबाया जा रहा है ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग इतने डर गए हैं कि रात में पेशाब करने भी नहीं निकलते हैं कोई बड़ा अधिकारी भी गोपालापुर गांव में रवींद्नाथ पाठक के घर पर छानबीन करने नहीं गया है इन सब बातों का आक्रोश गांव वालों को और क्षेत्र वालों को है ।