सीएमओ को पता नहीं प्रभारी चिकित्साधिकारी ने अपने चहेते को औने पौने दामों में बेच दिया शीशम का पेड़ –
सीएमओ को पता नहीं प्रभारी चिकित्साधिकारी ने अपने चहेते को औने पौने दामों में बेच दिया शीशम का पेड़ –
आइडियल इंडिया न्यूज़
बृजेश कुमार पाण्डेय
मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर)
राजा को पता नहीं मुसहर वन बांट लिए! कहावत मुंगराबादशाहपुर में तब चरितार्थ हो गई जब मुख्य चिकित्साधिकारी को अंधेरे में रख कर मुंगराबादशाहपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा० राजेश कुमार ने स्वास्थ्य केंद्र परिसर में खड़े शीशम के पेड़ को अपने चहेते को औने पौने दामों में बेच दिया। जिसके कारण शनिवार को पेड़ पर आरा चलते ही हड़कंप मच गया।आलम यह रहा कि लोगों की बढ़ती संख्या को देखते ही प्रभारी चिकित्साधिकारी डा० राजेश कुमार स्वास्थ्य केंद्र छोड़ कर चले गए।
बताते चलें कि मुंगराबादशाहपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में विशालकाय शीशम का पेड़ है।जिसे प्रभारी चिकित्साधिकारी डा० राजेश कुमार ने अपने एक चहेते के हाथों बिना कागजी कोरम पूरा किए ही औने पौने दामों में बेच दिया। शनिवार को पेड़ पर आरा चलते ही लोग आश्चर्यचकित हो गए । सूचना फैलते ही लोगों की भीड़ स्वास्थ्य केंद्र पर जमा होने लगी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष आलोक कुमार गुप्त, उपाध्यक्ष विश्वनाथ जायसवाल ने पेड़ कटवा रहे व्यक्ति से कागजात मांगने लगे। लकड़हारे ने जो कागजात दिखाए
उस पर कोई पत्रांक तक नहीं था। आलोक कुमार गुप्त ने मामले की सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी डा० लक्ष्मी सिंह को देते हुए जानकारी चाही। जिस पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा० लक्ष्मी सिंह ने किसी भी तरह की जानकारी होने से अनभिज्ञता जताई। व्यापार मंडल अध्यक्ष आलोक कुमार गुप्त ने मामले की सूचना जिलाधिकारी को देते हुए कार्यवाही करने की मांग की। इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डा० राजेश कुमार ने बताया कि उक्त पेड़ को 20 हजार रुपए में बेचा गया है जिसे रोगी कल्याण निधि में जमा किया जाएगा। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा० राजेश कुमार ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इसकी सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी को दिए जाने का कोई औचित्य नहीं समझा गया । उन्होने बताया कि पेड़ सूख रहा था इस लिए उसे बेच दिया गया है। स्वास्थ्य केंद्र परिसर में खड़े शीशम के पेड़ को विक्री करने का अधिकार मुख्य चिकित्साधिकारी को है अथवा प्रभारी चिकित्साधिकारी को यह तो जांचोपरांत ही सामने आयेगा । फिलहाल इस मामले को लेकर लोगों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। लोगों की मानें तो उक्त पेड़ की कीमत लगभग 90 हजार रूपए होगी।