दरोगा ने बांटा गरीबो को कम्बलदरोगा ने बांटा गरीबो को कम्बल
**दरोगा ने बांटा गरीबो को कम्बल*
आइडियल इंडिया न्यूज़
कृष्ण कुमार बिन्द जौनपुर
जौनपुर। सहयोग की भावना पैसे से नही बल्कि संस्कार से आती है।अगर मन मे किसी की मदद, सहयोग करने की इच्छा हो तो रात हो या दिन कुछ फर्क नही पड़ता । मदद के लिए अरबपति या काला धन जरूरी नही। अगर सहयोग की इच्छाशक्ति है तो पैसे की कमी आड़े नही आती। सहयोग किसी भी तरह किया जा सकता है।
पिछले कई वर्षों से जौनपुर पुलिस विभाग में तैनात एक दरोगा अपनी नेक दिली के लिए लोगों का चहेता बना हुआ है।जो प्रति वर्ष अपनी सीमित तनख्वाह से जाड़े की रात्रि में घूम घूम कर जरूरत मन्द गरीबो को कम्बल बांटता फिरता है। जौनपुर में पुलिस कंट्रोल रूम में कार्यरत दरोगा अजीत यादव जिसकी नेक दिली किसी से छिपी नही है। पुलिस कंट्रोल रूम में एक भी रुपये की अतिरिक्त आमदनी नही होती । केवल वेतन पर ही पूरे परिवार का भरण पोषण करना होता है, ऐसे में अपने वेतन से सैकड़ो जरूरत मन्द गरीबों को कम्बल खरीद कर बांट देना बहुत बड़ी बात होती है। पुलिस विभाग में ऐसे लोग हजारों में एक होते हैं। श्री यादव पिछले कई वर्षों से जाड़े में गरीबो को कम्बल देकर उनकी ठंड मिटाने का छोटा सा प्रयास कर रहे हैं।गर्व है ऐसे बहादुर पुलिस अधिकारी पर। काश पुलिस विभाग में 25 प्रतिशत दरोगा ऐसे नेकदिल हो जांय तो गरीबो को एफआईआर लिखाने के लिए पुलिस कप्तान या अदालत का चक्कर काटना न पड़े। को कम्बल*
आइडियल इंडिया न्यूज़
कृष्ण कुमार बिन्द जौनपुर
जौनपुर। सहयोग की भावना पैसे से नही बल्कि संस्कार से आती है।अगर मन मे किसी की मदद, सहयोग करने की इच्छा हो तो रात हो या दिन कुछ फर्क नही पड़ता । मदद के लिए अरबपति या काला धन जरूरी नही। अगर सहयोग की इच्छाशक्ति है तो पैसे की कमी आड़े नही आती। सहयोग किसी भी तरह किया जा सकता है।
पिछले कई वर्षों से जौनपुर पुलिस विभाग में तैनात एक दरोगा अपनी नेक दिली के लिए लोगों का चहेता बना हुआ है।जो प्रति वर्ष अपनी सीमित तनख्वाह से जाड़े की रात्रि में घूम घूम कर जरूरत मन्द गरीबो को कम्बल बांटता फिरता है। जौनपुर में पुलिस कंट्रोल रूम में कार्यरत दरोगा अजीत यादव जिसकी नेक दिली किसी से छिपी नही है। पुलिस कंट्रोल रूम में एक भी रुपये की अतिरिक्त आमदनी नही होती । केवल वेतन पर ही पूरे परिवार का भरण पोषण करना होता है, ऐसे में अपने वेतन से सैकड़ो जरूरत मन्द गरीबों को कम्बल खरीद कर बांट देना बहुत बड़ी बात होती है। पुलिस विभाग में ऐसे लोग हजारों में एक होते हैं। श्री यादव पिछले कई वर्षों से जाड़े में गरीबो को कम्बल देकर उनकी ठंड मिटाने का छोटा सा प्रयास कर रहे हैं।गर्व है ऐसे बहादुर पुलिस अधिकारी पर। काश पुलिस विभाग में 25 प्रतिशत दरोगा ऐसे नेकदिल हो जांय तो गरीबो को एफआईआर लिखाने के लिए पुलिस कप्तान या अदालत का चक्कर काटना न पड़े।