06/07/2025
10022403281002240178Picsart_25-05-23_23-23-40-978Picsart_25-05-12_18-07-06-196

57 साल बाद ठाकरे परिवार से छिनी शिवसेना, तीर और धनुष का निशान भी मिला शिंदे गुट को

0

अनीस अहमद बख्शी एडवोकेट

57 साल बाद ठाकरे परिवार से छिनी शिवसेना, तीर और धनुष का निशान भी मिला शिंदे गुट को

मुंबई के अंधेरी पूर्व उपचुनाव में शिवसेना पार्टी के नाम और धनुष और तीर के प्रतीक का उपयोग करने से दोनों गुटों को रोक दिया गया था. राजनीतिक दल में विभाजन कोई नई घटना नहीं है. पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें दोनों गुटों ने वास्तविक पार्टी के रूप में मान्यता की मांग की है.

महाराष्ट्र में शिवसेना के नाम और पार्टी के सिंबल पर हक को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही थी. इसी बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और धनुष और तीर का पार्टी चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेगा. ईसीआई ने गुट को दिए गए पहले के नाम – बालासाहेबंची शिवसेना – और दो तलवारों और ढालों के प्रतीक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को मशाल (ज्वलंत मशाल) का प्रतीक और नाम शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे मिला. अक्टूबर, 2022 में दोनों गुटों को अलग-अलग पार्टी के नाम और सिंबल आवंटित किए गए थे. नवंबर 2022 में हुए अंधेरी पूर्व उपचुनाव में शिवसेना पार्टी के नाम और धनुष और तीर के प्रतीक का उपयोग करने से दोनों गुटों को रोक दिया गया था. राजनीतिक दल में विभाजन कोई नई घटना नहीं है. पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें दोनों गुटों ने वास्तविक पार्टी के रूप में मान्यता की मांग की है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed