दूसरा, अभिजात सुर संगीत महोत्सव, गोवा. दिन भर सप्त संगीत सुरों की सजी मैफल – उर्वी केळकर

दूसरा, अभिजात सुर संगीत महोत्सव, गोवा
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दिन भर सप्त संगीत सुरों की सजी मैफल – उर्वी केळकर
पणजी (करण समर्थ : आयएनएन भारत मुंबई) गोवा के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक स्व पं बाळकृष्ण केळकर के स्मरणार्थ अभिजात सुर संगीत महोत्सव का आयोजन पणजी शहर के इन्स्टिट्यूट मिनेजिस ब्रागंझा सभागृह में बड़ी शान से संपन्न हुआ।
महोत्सव को गोवा सरकार के कला संस्कृती संचालनालय व्दारा प्रायोजित किया था तथा अभिजात सांस्कृतिक मंडळ, खोर्ली तिसवाडी, गोवा, इन्स्टिट्यूट मिनेजिस ब्रागंझा, पणजी, गोवा और
गायनाचार्य पं रामकृष्णबुवा वझे सृती संगीत संस्था के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया गया हैं।
अभिजात सुर संगीत महोत्सव की प्रस्तुति पणजी शहर के इन्स्टिट्यूट मिनेजिस ब्रागंझा सभागृह मे सुबह १० से रात्री ८ बजें तक शौकीनों की भारी उपस्थिति मे सजाया गया था।
अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए महफ़िल के आयोजक स्व. बाळकृष्ण केळकर के संगीतकार सुपुत्र मंदार केळकर की पत्नी उर्वी केळकर ने कहा, आज दिन भर सप्त संगीत सुरों की सजी मैफल और इस महोत्सव को गोवा सरकार का सहयोग प्राप्त हुआ है। उनके साथ और जाने-माने संस्थाओं की मदद से सूरों की महफ़िल का यशस्वी आयोजन हुआ है,। ऐसा उर्वी केळकर ने बताया।
महाराष्ट्र गोवा तथा कर्नाटक से आए हुए सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायकों ने इस महोत्सव मे अपने सुमधुर आवाज में संगीत साथ संगत से सूरों की मैफल महका दि ।
इस संगीतमय दिन पर पं बाळकृष्ण केळकर के शिष्य गौरिष तळवलकर, बंगलोर के जाने-माने शास्त्रीय गायक सिद्धार्थ बेल्लमनू, प्राची जठार के साथ पिछले वर्ष संस्था व्दारा आयोजित अभिजात सुर नाट्यगीत गायन स्पर्धा विजेती अर्चना कमुलकर ने दिवसीय सत्र में शास्त्रीय गायकी प्रस्तुत की।
नाट्यसंगीत रजनी विभाग मे गायक अवधूत मराठे, मंदार केळकर, दत्तगुरु केळकर, प्रवीण शिलकर ने विभिन्न गीतों के अविष्कार प्रस्तुत किए।
कला अकादमी गोवा के माजी विद्यार्थी आकाश नाईक ने एकल संवादिनी तो गौतमी आमोणकर एकल तबला संगीत प्रस्तुती करके संगीत शौकिनों के दिल जीत लिए। सुर संगीत महोत्सव में दत्तराज म्हाळशी, प्रदीप शीलकर, ऋषिकेश फडके, संकेत खलप, आकाश नाईक, मिलिंद परब इन गुणी कलाकारों ने गायकों को विभिन्न वाद्यों सहित साथसंगत की।
स्व. बाळकृष्ण केळकर के संगीतकार सुपुत्र मंदार केळकरने विभिन्न संस्थांओं के सहकार्य से यह संगीत महोत्सव आयोजित किया था। कला तथा संस्कृती संचालनालय व्दारा प्रायोजित सुर संगीत महोत्सव मे जेष्ठ नागरिक तथा युवा पीढ़ी के शौकीन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।