नैनो यूरिया लिक्विड जबरदस्ती किसानों को देने का मामला गरमाया
नैनो यूरिया लिक्विड जबरदस्ती किसानों को देने का मामला गरमाया।
बिस्कोमान के इस कृत्य पर कैमूर किसान यूनियन ने जताई आपत्ति
विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता स्टेट हेड बिहार।
पटना/कैमूर। नैनो यूरिया जबरजस्ती किसानों को देने का मामला गरमाने लगा है।कैमूर किसान यूनियन ने बिस्कोमान के इस कृत्य को ले पहले अधिकारियों के समक्ष आवाज उठाई,और जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण न्यायालय मोहनिया में परिवाद दाखिल कर दिया है।जिस पर सुनवाई चल रही है।
परिवाद पर हुई सुनवाई में कैमूर किसान यूनियन के अध्यक्ष हरि जी सिंह संस्थापक सदस्य विकास सिंह, पिंटू चौबे, धीरज सिंह, नीतीश सिंह, विमलेश सिंह ने भाग लिया।सुनवाई के क्रम में दुर्गावती प्रखंड कृषि पदाधिकारी कन्हैया सिंह पर परिवादियों ने बेतुका पक्ष रखने का आरोप लगाया।क्योंकि उनका कहना था कि किसानों की सहमति के आधार पर पांच बोरी खाद पर एक नैनो यूरिया दिया जाता है। इस पर परिवादियों ने कड़ा विरोध करते हुए कहा की कृषि पदाधिकारी के पास इससे संबंधित कोई आधार नही है। जबकि नैनो यूरिया जबरदस्ती देने के संबंध में करीब डेढ़ सौ किसानों ने हस्ताक्षरित आवेदन न्यायालय के सक्षम प्रस्तुत किया है। कैमूर किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा कि पांच बोरी खाद पर एक नैनो लिक्विड यूरिया देने की कोई सरकारी आदेश है तो उसकी कापी उपलब्ध करायें, इस आपत्ति पर जब अनुमंडलीय न्यायालय ने कृषि पदाधिकारी से पुछा तो कृषि पदाधिकारी ने फिर आधार हीन बयान दिया कि मौखिक आदेश है।इस पर लोक शिकायत एसडीओ भड़क गए। और अगली को स्पष्ट प्रतिवेदन की मांग की। कैमूर किसान यूनियन के सदस्यों ने अनुमंडलीय लोग शिकायत निवारण न्यायालय के सक्षम निम्नलिखित बिंदु को रखा है।
1. कोई भी उत्पाद जबरदस्ती देना उपभोक्ता संरक्षण कानून के खिलाफ है।
2. बिस्कोमान कर्मियों द्वारा यह कहना कि “नैनो यूरिया लोगे, तभी खाद मिलेगा” ये ब्लैकमेलिंग अपराध है।
3. साबूत के रूप में सैकड़ों किसानों के हस्ताक्षर है, जब दो गवाहों से हत्या जैसा गम्भीर आरोप सिद्ध हो जाता है तो यहां सैकड़ों गवाह है।
4. एक हि बिल नम्बर दो किसानों को जारी किया गया है तथा उसपर कर्मचारी के हस्ताक्षर भी नहीं है।
5. बिस्कोमान का जीएसटी रेगुलर में पंजीकृत हैं जबकि नैनो यूरिया के बिल में टैक्स का विवरण नहीं है जबकि उर्वरक का बिल कम्प्यूटरीकृत है तथा टैक्स का उल्लेख भी है।
6. बिस्कोमान किसान कल्याण के लिए बनाई गई है जबकि इनके पदाधिकारी और कर्मचारियों में किसी तरह का कोई सेवा भावना नहीं है।
7. नैनो यूरिया का कोइ विशेष रिस्पांस नहीं मिल रहा है, अगर नैनो यूरिया विषेश कर धान गेहूं की फसलों के अच्छे पैदावार में सहायक है तो प्रखण्ड में दस किसानों के एक एक एकड़ खेत को चिन्हित कर उस पर डेमोंस्ट्रेशन कराया जाए और पैदावार प्रभावित होगा तो उसकी भरपाई बिस्कोमान करें।