06/07/2025
10022403281002240178Picsart_25-05-23_23-23-40-978Picsart_25-05-12_18-07-06-196

पराली प्रबंधन चेतना यात्रा कर किसानों को किया जागरूक*

0
IMG-20231016-WA0270

*पराली प्रबंधन चेतना यात्रा कर किसानों को किया जागरूक*

मारकंडेय तिवारी जौनपुर

जौनपुर 16 अक्टूबर 2023 (सू0वि)- कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा द्वारा रविवार को कृषि भवन परिसर में फसल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम योजना के अंतर्गत गोष्ठी एवं चेतना यात्रा आयोजित की गई जहां किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
मुख्य अतिथि पूर्व विधायक केराकत दिनेश चौधरी ने कहा कि खेतों में फसल अवशेष जलाने से खेत की मिट्टी के साथ-साथ वातावरण पर भी दुष्प्रभाव पड़ते हैं, यथा मृदा के तापमान में वृद्धि, मृदा की सतह का सख्त होना, मुख्य पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश की उपलब्धता में कमी एवं अत्यधिक मात्रा में वायु प्रदूषण आदि जैसे नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, इसलिए किसानों को फसल अवशेष खेतों में कदापि नहीं जलाने चाहिए बल्कि इनका उपयोग मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए करना चाहिए, यदि इन अवशेषों को सही ढंग से खेती में उपयोग करें तो इसके द्वारा हम पोषक तत्वों के एक बहुत बड़े अंश की पूर्ति कर सकते हैं।
उप परियोजना निदेशक आत्मा डा0 रमेश चन्द्र यादव ने बताया कि पराली प्रबंधन हेतु ग्राम पंचायतवार जागरूकता पैदा कर पराली को मृदा में ही खाद बनाए या गोआश्रय में भेजने का प्रबंध करे उन्होंने वेस्ट डी कंपोजर के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई साथ ही यह भी बताया कि 40 दिनों में कृषि अपशिष्ट, पशु अपशिष्ट, रसोई अपशिष्ट, शहर के अपशिष्ट जैसे सभी जैव अपघटन योग्य सामग्री को अपघटित कर अच्छी खाद का निर्माण कर देता है। सेटेलाइट से निगरानी हो रही है कोई किसान पराली जलाते हुए पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि बगैर एसएमएस/स्ट्रा रीपर लगे हार्वेस्टर से कटाई न कराए। अध्यक्षता प्रधान अशोक यादव तथा संचालन कृषि वैज्ञानिक डा. अनिल यादव ने किया। गोष्ठी के बाद किसानों द्वारा पराली प्रबंधन स्लोगन की तख्ती लेकर कृषि भवन परिसर से पॉलिटेक्निक चौराहे होते हुए केवीके कैम्प कार्यालय में पराली प्रबंधन चेतना यात्रा समाप्त हुई।
इस मौके पर राम चन्द्र दूबे, सिराज अहमद, दीपा रानी, मीना, ललिता, वविता, ससीमा, विष्णु चंद्र, बृजेश, सुरेश यादव आदि प्रगतिशील किसान मौजूद रहे। अन्त में कार्यक्रम में आए हुए सभी कृषकों का कृषि वैज्ञानिक डा. सुरेंद्र प्रताप सोनकर ने आभार ज्ञापित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed