06/07/2025
10022403281002240178Picsart_25-05-23_23-23-40-978Picsart_25-05-12_18-07-06-196

भारत में लगातार घट रही गरीबों की संख्या, पिछले 6 सालों आई 10 फीसदी गिरावट*

0

*भारत में लगातार घट रही गरीबों की संख्या, पिछले 6 सालों आई 10 फीसदी गिरावट*

आइडियल इंडिया न्यूज़

डा ए के गुप्ता द्वारका नई दिल्ली

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च आय और संपत्ति में असमानता के मामले में भारत कुछ शीर्ष देशों में शामिल है। हालांकि 2015 से 2019-21 के बीच बहुआयामी गरीबी में रहने वाली आबादी की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से गिरकर 15 प्रतिशत हो गई है।

भारत में बढ़ी प्रति व्यक्ति आय

सोमावार को जारी की गई 2024 एशिया-प्रशांत मानव विकास रिपोर्ट न केवल दीर्घकालिक प्रगति के साथ असमानता की तस्वीर पेश करती है, बल्कि मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करती है। भारत में 2000 से 2022 के बीच प्रति व्यक्ति आय 442 डालर से बढ़कर 2,389 डालर हो गई। जबकि 2004 से 2019 के बीच गरीबी दर (प्रतिदिन 2.15 डालर के अंतरराष्ट्रीय गरीबी माप के आधार पर) 40 से गिरकर 10 प्रतिशत हो गई।

 

इन राज्यो में ज्यादा गरीबी

 

डायरेक्शन फार ह्यूमन डेवलपमेंट इन एशिया एंड पैसिफिक के शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि गरीबी को कम करने में सफलता जरूर मिली है, लेकिन यह उन राज्यों में ज्यादा है, जहां देश की 45 प्रतिशत आबादी रहती है। यहां पर देश के 62 प्रतिशत गरीब रहते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसे बहुत से लोग हैं, जो गरीबी रेखा से ठीक ऊपर हैं। जिन समूहों के दोबारा गरीबी में जाने का खतरा है, उनमें महिलाएं, अनौपचारिक श्रमिक और अंतर-राज्य प्रवासी शामिल हैं।

महिलाओं को लेकर चिंता

महिलाएं श्रम शक्ति का केवल 23 प्रतिशत हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तेजी से विकास के बीच आय वितरण में असमानता बढ़ी है। मुख्य रूप से वर्ष 2000 के बाद की अवधि में संपत्ति में असमानता में बढ़ोतरी ज्यादा हुई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत वैश्विक मध्यम वर्ग (12 डालर से 120 डालर के बीच जीवनयापन करने वाले लोग) की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र इस साल वैश्विक आर्थिक विकास में दो-तिहाई का योगदान देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed