06/07/2025
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श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर के त्र्यंबकेश्वर सभागार में मन्दिर अर्थव्यवस्था एवं धर्मक्षेत्र विकास का राष्ट्रीय उन्नति में योगदान विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ संपन्न,

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वाराणसी– श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर के त्र्यंबकेश्वर सभागार में मन्दिर अर्थव्यवस्था एवं धर्मक्षेत्र विकास का राष्ट्रीय उन्नति में योगदान विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ संपन्न,

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मिजोरम के महामहिम राज्यपाल श्री के हरी बाबू जी रहे*

आइडियल इंडिया न्यूज़

अंकुर मिश्रा वाराणसी

आज दो दिवसीय धार्मिक यात्रा पर वाराणसी आए मिजोरम के महामहिम राज्यपाल श्री के हरी बाबू जी थे, श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर के भ्रमण के उपरान्त राज्यपाल के हरी बाबू जी अत्यंत प्रसन्न दिखे, वह अपनी पहली काशी यात्रा पर आए है, और उन्होने कहा काशी आकर ऐसा लग ही नहीं रहा कि यहां हम पहली बार आए है, महामहिम ने कहा कि मन्दिर की व्यवस्था और सौंदर्य अत्यधिक प्रभावशाली है, महामहिम ने पर्यटक के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थल के टूर पैकेज का विकल्प भी प्रस्तुत किया जाए, काशी विश्वनाथ मन्दिर न्यास द्वारा इंडिया थिंक काउंसिल के सहयोग से किया गया,

महामहिम के द्वारा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन, पूजन के उपरान्त भौमेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया, मां गंगा के दर्शन के साथ साथ कॉरिडोर का भी अवलोकन किया, राज्यपाल जी के द्वारा बताया गया कि सनातन परंपरा में बहुदेव पूजन प्रथा और मान्यता का परिणाम है कि भक्त अलग अलग स्थानो पर अपने आराध्य दर्शन हेतु तीर्थ यात्रा जाकर उसकी समस्त आवश्यकताएं और अर्थव्यवस्था में योगदान करती है, समाज के हर वर्ग को अवसर मिलता है और भले ही वह किसी अन्य धर्म का अनुयायी हो, संगोष्ठी में मंदिर के न्यासी सदस्य और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विद्वत आचार्य जन वैदिक विद्वान उपस्थित रहें, कार्यक्रम में स्वागत संबोधन न्यास के सदस्य श्री ब्रजभूषण ओझा ने किया, महामहिम के संबोधन के पश्चात उनका धन्यवाद ज्ञापन करते हुए श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री विश्व भूषण ने कहा कि काशी में यह स्थापित मान्यता है कि किसी देव विग्रह की विश्व में कहीं भी प्राण प्रतिष्ठा तब तक नही पूर्ण होती जब तक उसकी अंश स्थापना काशी में न की जाए, यही कारण है कि द्वादश ज्योतिर्लिंग,51 शक्तिपीठ, चारो धाम समेत समस्त पौराणिक मंदिरों की प्रतिकृति यहां स्थापित है, विद्वान की विद्वता तब तक मान्य नहीं होती, जब तक उसे काशी का विद्वत समाज मान्यता न प्रदान करे।।

 

*विश्वनाथ मन्दिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि आज श्री काशी धाम में आयोजित यह विद्वत सभा निश्चय ही महामहिम राज्यपाल जी को विद्वता के क्षेत्र में स्वीकार करती है ऐसा सभा की प्रतिक्रिया से सिद्ध हो गया है, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम का संचालन कर रहे इंडिया थिंक काउंसिल के निदेशक श्री सौरभ पाण्डेय ने अत्यंत अल्प समय में महामहिम द्वारा कार्यक्रम हेतु सहमति देने व श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर न्यास द्वारा इतना भव्य आयोजन सुनिश्चित करने हेतु आभार व्यक्त किया, कार्यक्रम के पश्चात मिजोरम के महामहिम राज्यपाल श्री के हरी बाबू ने धाम में सूक्ष्म जलपान कर यहां से प्रस्थान किया ————- मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर ( विश्व भूषण मिश्रा )*

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