ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश से शिक्षकों में भारी आक्रोश- हरीश*** प्राथमिक शिक्षक संघ ने दिया ज्ञापन

ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश से शिक्षकों में भारी आक्रोश- हरीश
प्राथमिक शिक्षक संघ ने दिया ज्ञापन
आइडियल इंडिया न्यूज़
सीताराम गुप्ता श्रावस्ती
दिनांक 15 जुलाई को प्राथमिक शिक्षक संघ श्रावस्ती के पदाधिकारियों और शिक्षकों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन देते हुए सरकार से आग्रह किया है कि पहले हमारी मांगो को पूरी कीजिए उसके बाद ऑनलाइन हाजिरी लीजिए जिला उपाध्यक्ष हरीश कुमार ने कहा कि शिक्षक दूर दराज के जिलों में पोस्ट हैं उनका बैच वाइज अंतर्जनपदीय स्थानांतरण करते हुए 30 किलोमीटर के दायरे में पोस्टिंग प्रदान की जाए। शिक्षक रियल टाइम आनलाइन उपस्थित का विरोध नहीं कर रहा है, क्योंकि शिक्षक प्रतिदिन रियल टाइम विद्यालय जा रहा है, शिक्षक का विरोध भेदभावपूर्ण, उपेक्षापूर्ण कार्यशैली व भौगोलिक, प्राकृतिक व परिस्थितिजन्य कारणों से है। ब्लाॅक मुख्यालय, तहसील मुख्यालय व जनपद मुख्यालय के कार्यालयों मे आनलाइन उपस्थिति क्यों नहीं है, जबकि वहां पर सम्पूर्ण भौतिक संसाधन उपलब्ध हैं और अधिकारियों को मुख्यालय मे रुकने का शासनादेश भी है। परिषदीय शिक्षकों के अतिरिक्त राजकीय शिक्षक, नवोदय विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय, समाज कल्याण विद्यालय, डायट सहित हर जगह के शिक्षकों को 31 दिन का ई एल, अर्ध आकस्मिक अवकाश, कैशलेस चिकित्सा, दुर्घटना बीमा, समय से पदोन्नति आदि समस्त लाभ देय हैं और यह सभी विद्यालय कस्बे या नगर मे स्थित हैं, जबकि परिषदीय विद्यालय दूरस्थ और बीहड़ तथा संसाधन विहीन स्थान पर हैं, फिर भी बिना संसाधन, बिना कैशलेस चिकित्सा, बिना ई एल, बिना हाफ सी एल, बिना दुर्घटना बीमा के और बिना संसाधन उपलब्ध कराये केवल परिषदीय शिक्षकों के लिए आनलाइन व्यवस्था उनको बदनाम करने का कुचक्र है। सरकार अगर हमारी मांगों बैच वाइज गृह जनपद में शिक्षकों का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण (30 की०मि०के अंदर) 15CL, 15 हॉफ CL, 30 EL, राज्यकर्मचारी का दर्जा, कैशलेस चिकित्सा सुविधा सपरिवार और प्रमोशन की मांगों को नहीं मानती है तो आगे 23 जुलाई को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले हजारों शिक्षक धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे।
जिला अध्यक्ष विनय पांडे ने कहा लगभग सभी राज्य कर्मचारी ब्लाॅक मुख्यालय तहसील मुख्यालय और जनपद मुख्यालय मे हैं , उनको ई एल, हाफ सी एल, कैशलेस चिकित्सा, दुर्घटना बीमा सब उपलब्ध है फिर भी वहां आनलाइन उपस्थित क्यों नहीं है। आनलाइन उपस्थित के पहले सरकार और विभाग यह बताये कि बच्चे रियल टाइम कैसे आयें , इसके लिए सरकार क्या करेगी? केवल शिक्षकों को बलि का बकरा बनाया जायेगा कि अभिभावकों और विभागीय अधिकारियों की भी जिम्मेदारी होगी? सरकार और विभाग यह भी बताये कि एम डी एम के लिए ताजी सब्जी ,ताजा दूध और ताजा फल की व्यवस्था कैसे होगी? यदि एक दिन पहले खरीद लिया तो वह ताजा कैसे रहेगा और एक दिन पहले का लिया दूध खराब हो जायेगा तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? अगर ये कार्य प्रधान का है तो किस व्यवस्था के तहत शिक्षक पर कार्यवाही की जाती है? क्या विभाग बतायेगा कि बरसात के समय जनपद मे कई नदियां रास्ता जाम कर देती हैं , नदी नालो के बाढ से क्षेत्र हफ्तों लगातार डूबे रहते हैं ऐसे मे शिक्षक विद्यालय रियल टाइम उपस्थित कैसे देंगे? क्या विभाग बतायेगा कि रेलवे फाटक बंद होने के कारण जब शिक्षक बिलम्ब से विद्यालय पहुंचता है तो उसके लिए किसकी जिम्मेदारी तय की जायेगी? रेलवे फाटक बंद और खुलने का रियल टाइम निर्धारण सरकार या विभाग किसके बस मे है?
सरकार और विभाग की भेदभावपूर्ण ,उपेक्षापूर्ण व्यवहार और धरातल की स्थिति को नजरअंदाज करके समाज के विलेन के रूप मे शिक्षक को प्रस्तुत किया जा रहा है इसलिए शिक्षक इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। ज्ञापन कार्यक्रम में प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर के तले जनपद के सैकड़ो शिक्षक ने प्रतिभाग किया।