डूबने से बचाव हेतु सुरक्षा के उपाय*

*डूबने से बचाव हेतु सुरक्षा के उपाय*
अन्सार अहमद खान जौनपुर
जौनपुर 18 जुलाई, – जिला प्रशासऩ ने डूबने से बचाव हेतु सुरक्षा के उपाय के सम्बन्ध में अवगत कराया है कि यदि तैरना न आता हो तो नदी, नहर, नाले, तालाब आदि में कदापि न जाएं एवं अपने स्वजन को भी जाने से रोकें। बच्चों को पुलिया एवं ऊंचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें। अति आवश्यक हो तो ही पानी में उतरें एवं गहराई का ध्यान रखें। ओवरलोडेड नौकाओं में न बैठें। कोशिश करें किसी नदी, पोखर, तालाब या जल स्रोत में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय साथ में 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती/साड़ी अवश्य रखें।
नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल स्रोतों के पास लिखी हुई चेतावनी की अवहेलना न करें। छोटे बच्चों को घाटों एवं जल स्रोतों के समीप न जाने दें। किसी के उकसावे में आकर पानी में छलांग न लगाएं। नदियों या अन्य जल स्रोतों के घाटों पर रीति-रिवाजों एवं संस्कारों का निर्वहन करते समय सावधानी बरतें। नदी या तालाब में तैरते/स्नान करते समय स्टंट न करें, सेल्फी आदि न लें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
उन्होंने समस्त ग्राम प्रधानों एवं नागरिकों से अपील किया है कि नदियां, तालाबों अथवा अन्य जल स्त्रोतों के पास बच्चों को न जाने दें। जल स्त्रोतों में डूबने के कारण जनहानि होती है। इस लिए सतर्कता बरतने और जागरुकता फैलाने का हरसंभव प्रयास करें।
उक्त सम्बन्ध में उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि अगर किसी प्रकार की घटना घटित होती है तो 108 एम्बुलेंस, 112 पुलिस सहायता एवं 1070 राहत आपदा कंट्रोल रुम पर सूचना अवश्य दे।
उक्त के सन्दर्भ में किसी प्रकार की घटना घटित होती है तो सहायता राहत राशि मृत्यु होने पर 04 लाख (पोस्टमार्टम एवं पंचनामा अनिवार्य), शारीरिक दिव्यांग होने पर 74000 से 2.5 लाख, मकान की क्षति होने पर 4000 से 1.2 लाख, पशु की मृत्यु होने पर 4000 से 37500, फसल की क्षति होने पर 8500 से 22,500 की धनराशि देय है।