रामगढ़ विधान सभा की जनता की मांग बीजेपी समर्पित नेता अभय कुमार सिंह को उपचुनाव में बनाए उम्मीदवार

रामगढ़ विधान सभा की जनता की मांग बीजेपी समर्पित नेता अभय कुमार सिंह को उपचुनाव में बनाए उम्मीदवार।
आइडियल इंडिया न्यूज।
कैमूर के रामगढ़ विधान सभा से ग्राउंड रिपोर्ट।
जनता के बीच अभय कुमार सिंह की लोकप्रियता का आलम यह है की अब लोग रामगढ़ विधान सभा में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के इस कद्दावर नेता को पार्टी का टिकट देने की मांग बीजेपी के केंद्रीय और राज स्तरीय नेताओ से मजबूती के साथ कर दी है।
वैसे रामगढ़ विधान सभा उप चुनाव 2009 अभय कुमार सिंह बीजेपी के टिकट पर लड़ चुके है।और महज 4 हजार वोटों के अंतर से राजद प्रत्याशी अंबिका यादव से चुनाव हारे गए थे। तब बतादे की इससे पहले बीजेपी का वोट ग्राफ 15 हजार से नीचे रहता था, और 20 हजार से हारते हुवे तीसरे स्थान पर उसको संतोष करना पड़ता था।लोग बताते है की 2009 उप चुनाव में श्री अभय कुमार सिंह के हार का कारण बीजेपी के दो बागी उम्मीदवार जगदम्बा शरण सिंह और मोहन दास गुप्ता प्रमुख रूप से जिम्मेवार रहे। जिन्होंने पार्टी का वोट वो गतिविधि को कुंद किया।दूसरी ओर राजद के कदावर नेता व पूर्व मंत्री श्री जगदानंद की रामगढ़ विधान सभा में लोगो के बीच राजनीतिक पैठ व दबदबा कायम था।पोलिंग भी मात्र 47.8 प्रतिशत ही हुवा था। उस समय पूरे सूबे में एनडीए 7 सीट पर लड़ी थी और मात्र 2 सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई थी।
इसके बाद 2010 के चुनाव में पार्टी ने सुधाकर सिंह वर्तमान बक्सर एमपी को उम्मीदवार बनाया जो मात्र 17 हजार वोट पाकर एक बार फिर बीजेपी के हार के अंतर को 20 हजार पर ला दिया था।जबकि वोट पोलिंग 56 प्रतिशत हुवा था और वोट भी बढ़ा था।
2015 में पार्टी ने अशोक सिंह को टिकट देकर दाव अजमाया जो विजय हासिल करने में सफल रहे।हालांकि 2020 में वे दूसरी बार सदन में नही पहुंच पाए।लोग बताते है की इस बार अभय कुमार सिंह के जितने का सबसे प्रमुख कारण यह है की वे चौरासी सरंगहा जिसमे 14 पंचायत आते हैं,में इकलौते प्रत्याशी है।जबकि रामगढ़ मड़वड़ जिसमे सिर्फ 9 पंचायत आते है में दो प्रत्याशी बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी अशोक सिंह एवं आरजेडी से जगदानंद के पुत्र अजीत कुमार अपने अपने दल से टिकट के दावेदार है।ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है की बीजेपी के वोट के ग्राफ को जीत तक पहुंचाने वाले अभय कुमार सिंह का पलड़ा भारी है।
रामगढ़ विधान सभा में आने वाले तीन प्रखंड नुआंव रामगढ़ दुर्गावती में नुआंव अभय सिंह का गृह प्रखंड और इकलौते प्रत्याशी होने के कारण इस क्षेत्र में आने वाले चौरासी सरंगहा के 14 पंचायत में एकक्षत्र पकड़ है। दुर्गावती के 13 पंचायत में भी इनका व्यक्तित्व व कृत्य का बोल बाला है।जबकि रामगढ़ मरवर की 9 पंचायतों में भी अच्छी पकड़ है।लोग बताते है की अभय कुमार सिंह ने 1990 में बीजेपी के सक्रिय सदस्य के रूप में कार्य, मंडल रामगढ़ के किसान मोर्चा के महामंत्री के रूप में शुरू करते हुवे प्रदेश कार्य समिति के सदस्य तक पहुंचे।इस दौरान कई पदों पर कार्यरत रहे और संगठन को मजबूत करने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया,बाद में इन्हे बक्सर लोकसभा के सह प्रभारी भी बनाया गया।इस दौरान ये पार्टी के प्रत्याशी अश्वनी कुमार चौबे की जीत सुनिश्चित करने में महत्व पूर्ण भूमिका निभाई।अभय सिंह की लोकप्रियता और राजनीतिक पकड़ के संबंध में लोग बताते है की 2001 में मुखिया, 2006 से 2011, तक निर्विरोध प्रमुख और जिला प्रमुख संघ का अध्यक्ष रहे। 2009 में उप चुनाव लड़कर बीजेपी को जीतने के कगार पर पहुंचाया जिसका लाभ भविष्य में पार्टी को मिला और कमल खिलाकर पार्टी के सपनो को साकार किया।वर्तमान में वे एक्सकुटिव मेंबर मंडल मुगल सराय तथा दिशा के सदस्य के रूप में कार्यरत है।तथा पार्टी को मजबूत करने में अपनी कार्य क्षमता के अनुसार अहम भूमिका निभा रहे है। अगर बीजेपी उन्हें प्रत्याशी बनाती है तो वे रामगढ़ में पुनः कमल खिला सकते है।