हिंदी दिवस पर विजयता दुबे को मिला ” हिंदी काव्य रत्न ” सम्मान

हिंदी दिवस पर विजयता दुबे को मिला ” हिंदी काव्य रत्न ” सम्मान
आइडियल इंडिया न्यूज़
ब्यूरो डेस्क कोलकाता
कोलकाता, पश्चिम बंगाल की उभरती लेखिका का नेपाल में सम्मान किया गया है। नेपाल के लुंबिनी में आयोजित किए गए एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के कोलकाता जिले की लेखिका विजयता दुबे को सम्मानित किया गया है। नेपाल की प्रसिद्ध संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल द्वारा भाषा तथा साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले रचनाकारों को एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से आज सम्मानित किया गया है।
आज हिंदी दिवस के मौके पर शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल द्वारा आयोजित किए गए हिंदी दिवस अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में लेखिका विजयता दुबे को ” हिंदी काव्य रत्न ” मानद उपाधि सम्मान से सम्मानित किया गया है। विजयता दुबे कोलकाता जिले की उभरती लेखिका हैं जो देश भर के विभिन्न समाचार पत्रों, पत्र– पत्रिकाओं में लगातार लेखन कार्य कर रही हैं तथा शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं ।अब तक उन्हें अनेक साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है । संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु कहते हैं – विजयता दुबे की रचना जीवंत लगती है बड़े अच्छे शब्दों का चयन किया है कविता में। ऐसे लेखकों से ही असल समाज का निर्माण होता है जो विकास और सकारात्मक परिवर्तन के लिए लिखते हैं। ऐसे विशिष्ट रचनाकारों की पहचान कर राज्य को प्रोत्साहन राशि तथा सम्मान करने की आवश्कता है।
आयोजित किए गए इस प्रतियोगिता में नेपाल, भारत, अमेरिका, कनाडा तथा तंजानिया से 6742 महिला पुरुष रचनाकारों की सहभागिता थी जिसमें 675 प्रतिभाओं का उत्कृष्ट कविता के आधार पर चयन कर सम्मानित किया गया है। आयोजक संस्था को धन्यवाद देते हुए लेखिका विजयता दुबे ने कहा – शब्द प्रतिभा वर्षों से देश विदेश के कवि तथा लेखकों को विभिन्न प्रतियोगिता के माध्यम से सम्मान कर प्रोत्साहित करती आई है । निःसंदेह संस्था द्वारा किए जा रहे ऐसे कार्य से हम जैसे हजारों लेखकों को प्रोत्साहन मिला है। संस्था की सचिव चरना कौर कहती हैं – हिंदी आज किसी एक देश की भाषा नहीं बल्कि विश्व भाषा बन चुकी है। सभी के अपनी भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। इस प्रतियोगिता में हजारों शिक्षकों तथा लेखकों ने देश विदेश में प्रतिभागिता की जो संस्था के लिए गर्व का विषय है। ” इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में आपके द्वारा भेजी गई कविता ‘ *हिन्दी की व्यथा ’* के माध्यम से आपने हिन्दी के प्रति अपनी लगन का प्रमाण दिया है । आपकी इस कविता को उत्कृष्ट कविता के रूप में चुना गया है जो कोलकाता के लिए गौरव की बात है ।