नेपाल में सहायक अध्यापिका एकादशी राणा “हिंदी काव्य रत्न” मानद उपाधि सम्मान से सम्मानित*

*नेपाल में सहायक अध्यापिका एकादशी राणा “हिंदी काव्य रत्न” मानद उपाधि सम्मान से सम्मानित*
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सहायक अध्यापिका का नेपाल में सम्मान किया गया।
आइडियल इंडिया न्यूज़
ब्यूरो डेस्क नेपाल
नेपाल के लुंबिनी में आयोजित किए गए एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में उत्तराखंड के उत्तरकाशी की शान, साहित्य में पहचान बनाने वाले सहायक अध्यापिका एकादशी राणा को सम्मानित किया गया है।
नेपाल के प्रसिद्ध संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा भाषा तथा साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले रचनाकारों को एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से हिंदी दिवस पर सम्मानित किया गया है, जिसमे हिंदी दिवस के मौके पर शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा आयोजित किए गए हिंदी दिवस अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में बहुमुखी प्रतिभा के धनी व सहायक अध्यापिका एकादशी राणा को “हिंदी काव्य रत्न” मानद उपाधि सम्मान से सम्मानित किया गया है, एकादशी राणा राजकीय प्राथमिक विद्यालय खाबलीसेरा पुरोला जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड में सहायक अध्यापिका है।आप शिक्षा में एम . ए. स्नातकोत्तर की है।
तथा साहित्य के क्षेत्र में रुचि होने के कारण कविताएं लिखती हैं जिसके लिए कई सम्मान भी मिल चुके हैं।
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु कहते हैं – “एकादशी राणा की रचनाएं जीवंत लगती हैं, बड़े अच्छे शब्दों का चयन किए हैं कविता में। ऐसे साहित्यकारों से ही असल समाज का निर्माण होता है जो विकास और सकारात्मक परिवर्तन के लिए लिखते हैं।ऐसे विशिष्ट रचनाकारों की पहचान कर राज्य की प्रोत्साहन राशि तथा सम्मान करने की आवश्यकता है।”
आयोजित किए गए इस प्रतियोगिता में नेपाल, भारत, अमेरिका, कनाडा तथा तंजानिया से 6742 महिला पुरुष रचनाकारों की सहभागिता थी जिसमें 675 प्रतिभाओं का उत्कृष्ट कविता के आधार पर चयन कर सम्मानित किया गया है। आयोजक संस्था को धन्यवाद देते हुए सहायक अध्यापिका एकादशी राणा ने कहा – शब्द प्रतिभा वर्षों से देश विदेश के कवि तथा लेखकों को विभिन्न प्रतियोगिता के माध्यम से सम्मान कर प्रोत्साहित करती आई है । निःसंदेह संस्था द्वारा किए जा रहे ऐसे कार्य से हम जैसे हजारों साहित्यकारों को प्रोत्साहन मिला है। संस्था की सचिव चरना कौर कहती हैं – “हिंदी आज किसी एक देश की भाषा नहीं बल्कि विश्व भाषा बन चुकी है। सभी के अपनी भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए।
यह उपाधि मिलने से सहायक अध्यापिका ने संस्था के प्रति आभार जताया है तो वही उनके इस सम्मान के लिए परिवारजनों, स्नेहीजनों व विद्यालय में सभी शिक्षक साथियों ने बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।