किरदार बदलने से कांग्रेस के काले कारनामों पर पर्दा नहीं डाल पाएंगे राहुल : विजय कुमार सिन्हा

किरदार बदलने से कांग्रेस के काले कारनामों पर पर्दा नहीं डाल पाएंगे राहुल : विजय कुमार सिन्हा
आइडियल इंडिया न्यूज
विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता
स्टेट हेड बिहार,पटना
तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष
पटना/डेस्क। उपमुख्य मंत्री विजय कुमार सिंहा ने कहा कि राजनीतिक पिकनिक मनाने बिहार आए राहुल गांधी।गोली और गाली का विकल्प देकर पलायन को बढ़ावा देने वाले आज घड़ियाली आंसू बहा रहे है।
लोगों को बरगला कर अपनी खोई जमीन तलाश रहे राहुल-तेजस्वी।
एक और पराजय राहुल-तेजस्वी का इंतजार कर रही है। उन्होंने राहुल गांधी की बिहार यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज राहुल जी को बिहार की सुध आई है । यहां की शिक्षा व्यवस्था और श्रम संसाधनों की चिंता हो रही है । जबकि दिल्ली की गद्दी पर बैठे इनके पूर्वजों ने अपने सौतेले व्यवहार से बिहार को आर्थिक-सामाजिक दुष्चक्र में धकेल दिया था । इनकी ‘समान भाड़ा नीति’ के कारण करीब 4 दशकों तक प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद बिहार का केवल शोषण हुआ।डालमिया नगर जैसी बड़ी औद्योगिक इकाई को राजनीतिक दुराग्रह के कारण इन्होंने बर्बाद कर दिया । हरित क्रांति के लाभ से बिहार को वंचित रखा और गन्ना उद्योग भी इनकी गलत नीतियों की भेंट चढ़कर उपेक्षित हो गया । इसलिए ये महज राजनीतिक पिकनिक मनाने बिहार आए हैं । बिहार के लोग इन्हें गंभीरता से नहीं लेते।
उप मुख्य मंत्री विजय कुमार सिंहा
श्री सिन्हा ने आगे कहा कि राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि राज्य में पलायन की शुरूआत कब और क्यों हुई ? जब गोली और गाली के दोहरी मार के कारण लोग बिहार छोड़ने पर विवश हो रहे थे तब ये कौन सी मजबूरी में सत्ता के साझीदार बने बैठे थे ? 1990 से 2005 के बीच जब उद्योग धंधे के नाम पर अपहरण उद्योग चलाया जा रहा था । तब इन्होंने श्रीमान लालू प्रसाद को प्रश्रय क्यों दिया था ? उन 15 वर्षों में एक भी शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई तब ये कांग्रेस के लोग चुप क्यों बैठे थे ?
श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार में करीब 50 साल कांग्रेस और उनके समर्थित गठबंधन की यहां सरकार रही है । तब तो इन्होंने श्रीमान लालू प्रसाद जैसे भ्रष्टाचार के पुरोधा को गोद में बिठाना जायज समझा । बिहार में कांग्रेस खुद मिट्टी में मिल गई लेकिन भ्रष्टाचार के अग्रदूतों का दामन आज तक नहीं छोड़ पाई । आज ये दोनों दल आपसी विराधाभास में घिर कर अपनी खोई हुई ज़मीन तलाशने में जुटे हैं । लेकिन वास्तविकता ये है कि राजद और कांग्रेस के पास बिहार में आज न सेना है और न ही सेनापति है । इसलिए आगमी विधानसभा चुनाव में राहुल और राजद के रिपोर्टकार्ड में एक और असफलता दर्ज होने जा रही है। माननीय प्रधानमंत्री जी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में NDA को फिर से प्रचंड जनादेश मिलने जा रहा है ।