विधायक फंड की आधी राशि डकार गए अभियंता डीएम से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं,विधायक भी चुप

विधायक फंड की आधी राशि डकार गए अभियंता
डीएम से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं,विधायक भी चुप
आइडियल इंडिया न्यूज
पटना डेस्क
नुआंव/कैमूर से ग्राउंड रिपोर्ट।स्थानीय बाजार स्थित रामलीला मैदान के रंग मंच के निर्माण कार्य की आधी राशि को अभियंता द्वारा हजम किए जाने एवं मामला डीएम के संज्ञान में जेडीयू कार्यकर्ताओं द्वारा लाए लाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से जिले में विभिन्न मद से संचालित योजनों में हो रही लुट खसोट में ऊपर से नीचे तक सबकी सहभागिता की पोल खोलने के लिए काफी है।जेडीयू प्रखंड अध्यक्ष नुआंव विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता ने आइडियल इंडिया न्यूज को बताया कि रामगढ़ विधायक अशोक सिंह ने अपनी पहली कार्यकाल में रामलीला समिति की मांग पर अपने विवेकाधीन कोटे से रंग मंच के निर्माण हेतु करीब 10 लाख रुपया आवंटित किया था।जिसका कार्य कराने हेतु कनिय अभियंता के नाम से टेबुल टेंडर नियम के तहत एग्रीमेंट किया गया था।अभियंता द्वारा नियुक्त पेटीकांटेक्ट ठेकेदार ने पहले से निर्मित चउतरा एवं दिवाल को बिना विलुप्त किए उसी का जीर्णोद्वार कर आधी राशि से कार्य करा आधी को आपस में बाट लिया।श्री गुप्ता ने आगे बताया कि 7 मार्च 22 को जिला योजना पदाधिकारी से शिकायत कर उन्हें सूचित किया गया था कि रंग मंच में अटैच ड्रेसिंग रूम में दरवाजा व खिड़की का ग्रिल भी नहीं लगाया गया है।तब स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के स्थानांतरित जेई ने तत्कालीन जेई से शेष बचे कार्य को कराने का आश्वासन योजना पदाधिकारी के माध्यम से प्रखंड अध्यक्ष को दिया था।लेकिन वह आश्वासन आज तक धरातल पर नहीं उतर सका।सूबे में एक ईमानदार जिला पदाधिकारी के रूप में कैमूर डीएम सावन कुमार के चर्चित होने के बाद पुनः अध्यक्ष ने 23 दिसंबर 24 को डीएम को आवेदन देकर पूरे मामले की जांच कराने की मांग की परंतु अभी तक स्थिति यथावत बनी हुई है।रामलीला समिति के अध्यक्ष रामसिंहासन यादव ने बताया कि हमलोगो को कार्यरत डीएम सावन कुमार से बहुत आशा और अपेक्षा थी कि इनके कार्यशैली से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा लेकिन कहावत वही ढाक के तीन पात वाली चरितार्थ हो रही है।पूर्व विस सूत्री अध्यक्ष रविंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि बिना डीएम के अनदेखी के ये सब संभव ही नहीं है।जबकि पूर्व विस सूत्री अध्यक्ष सह बीजेपी के जिला प्रवक्ता रमाकांत कुशवाहा का कहना है कि पहले के अधिकारी दाल में नमक डाल के खाते थे परंतु आज के नमक में दाल डाल रहे है।जो बाद में इनके बीमारी का जड़ बन रहा है और जेल की हवा खा रहे है।उधर विधायक अशोक सिंह का कहना है कि अपने कार्यकाल के अंतिम समय में फंड जारी किया था।बीच में गैपिंग होने के बाद इसकी जानकारी हम तक नहीं पहुंच पाई,यह मामला आज ही मेरे संज्ञान में आया है।योजना को हर हाल में संबंधित जेई को पूर्ण कराना ही पड़ेगा नहीं तो निश्चित कार्रवाई होगी।