एसएचओ नुआंव शांतनु कुमार की हरकत से पुलिस महकमा हुआ शर्मशार* पुलिस मैनुअल का उल्लंघन कर पुत्र को भेजा जेल,पिता से मांगी खर्चा पानी

एसएचओ नुआंव शांतनु कुमार की हरकत से पुलिस महकमा हुआ शर्मशार
पुलिस मैनुअल का उल्लंघन कर पुत्र को भेजा जेल,पिता से मांगी खर्चा पानी
दलाल के खाता में डलवाए 30 हजार,1 लाख और नहीं देने पर की एक पक्षीय कार्रवाई
आइडियल इंडिया न्यूज
विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता कैमूर बिहार
नुआंव/कैमूर।थाना अध्यक्ष नुआंव की हरकत से कैमूर पुलिस की भद्द पीट रही है।हालांकि लिखित शिकायत मिलने के बाद एसपी हरिमोहन शुक्ला ने जांच के आदेश दिए है।यह अलग बात है कि इस मामले में अनुमंडलीय पुलिस लीपा पोती करने में लगी हुई है।बताया जाता है कि नुआंव बाजार के दो व्यवसाई इनभरटर को ग्राहकों को अलग अलग दामों में बेचने की कवायद को लेकर आपस में भिड़ गए थे।मारपीट की घटना घटित होने के बाद दोनों तरफ से नुआंव थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।इसके बाद थाना अध्यक्ष द्वारा पोषित दलाल कांड को प्रभावित करने के लिए पीड़ितों से मोल भाव शुरू कर दिए।दलाल द्वारा एक पक्ष से 30 हजार रुपया अपना खाता में डलवाकर थाना पर ले जाया गया।परंतु वहां पर एसएचओ ने 1 लाख रुपए की और डिमांड कर दी।जब पीड़ित पक्ष ने देने से इनकार किया तो दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।इतना ही नहीं गिरफ्तार युवा व्यवसाई के पिता से निर्दई पैसे के लोभी थानाध्यक्ष ने पुत्र को जेल तक पहुंचने के लिए उल्टे खर्चा पानी भी मांग कर दी।जबकि एक पक्ष से मोटी रकम लेकर उन लोगों को थाना से ही छोड़ दिया।जबकि इस घटना में एक पक्ष से दो एवं दूसरे पक्ष से भी दो लोगों का सर फटा था।इस संबंध में पूछे जाने पर आईओ एसआई आशुतोष ने बताया कि थाना अध्यक्ष द्वारा एक तरफ 109 एवं दूसरे तरफ 110 बीएनएस की धारा में मुकदमा दर्ज करने के कारण मेरे द्वारा दूसरे पक्ष की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी।फिलहाल दोनों पक्षों में न्यायालय में सुलहनामा लगने के बाद अभियुक्त जमानत पर है।उधर मोहनिया सर्किल इंस्पेक्टर सुनील कुमार निर्झर ने स्वीकार किया कि एसएचओ नुआंव का कृत्य पुलिस मैनुअल तथा बीएनएस के विरुद्ध है।हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि मेरा काम रिपोर्ट करना है।कार्रवाई की शक्ति पुलिस अधीक्षक में समाहित है।उधर थाना अध्यक्ष शांतनु कुमार का कहना है कि थाना की बोली लगती है।मुंह मांगी रकम देकर आया हूं।डीएसपी को भी कुछ हिस्सेदारी देनी पड़ती है।रिश्वत लेना मेरी मजबूरी है।