बृक्षारोपण या फोटो खिंचाने की ललक
बृक्षारोपण या फोटो खिंचाने की ललक
आइडियल इंडिया न्यूज़
अखिलेश मिश्र “बागी” मिर्जापुर
मिर्जापुर जनपद सहित पूरे प्रदेश में बृहद बृक्षारोपण कराया जा रहा है , वर्षा ऋतु के प्रारंभ होते ही फलदार व छायादार पेड़ लगाने की हमारी पुरानी परम्परा रही है , सरकारी अमला को बृक्षारोपण वाली स्किम बहुत पसंद आती है यही कारण है कि कागजो पर लाखों पेड़ लग जाते है उनका भुगतान भी हो जाता है लेकिन उनमें से कुछ पेड़ ही बच पाते है , रिकार्ड बनाने के चक्कर मे यह भी ध्यान नही दिया जाता कि उनके द्वारा लगाए गए पेड़ की सुरक्षा कैसे होगी , उन्हें पानी कौन देगा , उनके चारो तरफ जाली कौन लगाएगा ,परिणाम कुछ दिनों बाद तथाकथित नेताजी , समाजसेवी द्वारा लगाए गए पौधे समाप्त हो जाते है और धरती को हरा भरा करने का सपना अधूरा रह जाता है ।
पौधारोपण कम , शो बाजी ज्यादा :-
मिर्जापुर जिले में कई समाजसेवी , छुटभैये नेता जो छपास रोग से ग्रसित है , फ़ोटो खिंचाने उसको फेसबुक पर लगाने के शौकीन होते है । उनके द्वारा हर वर्ष पेड़ लगाये जाते है लेकिन बहुत मुश्किल से कुछ पेड़ ही बच पाते है , इसी तरह के एक समाजसेवी बृक्षारोपण का रिकॉर्ड बनाने में लगे हुए है वह फूल , शोप्लान्ट को भी बृक्षा रोपण का नाम देकर पेपर में छाए रहते है अगर उनसे पूछा जाय कि आपके पौधे कितने बड़े हुए या कितने बचे तो उनके पास कोई जबाब नही रहता , ऐसे महान लोग जिले में एक नही कई मिलेंगे ।
बनबिभाग के अधिकारियों का सुझाव :-
पौधा लगाने का उपयुक्त समय बारिश के वक्त होता है क्योंकि छोटे पौधों को बढ़ने के लिए जल की आवश्यकता होती है , बनबिभाग के कर्मचारियों ने कहा कि इस समय जंगल मे भी लगाए गए पौधे बहुत जल्द बढ़ जाते है और सुरक्षित भी रहते है , अगर किसी सुरक्षित स्थान जैसे स्कूल की बाउंड्री में बृक्ष लगाए जाएं तो वह पेड़ बड़ा होकर छाया या फल दे सकता है । कुछ प्राकृतिक झरने वाले स्थान जिनकी निगरानी बनविभाग करता है जैसे विंढम फाल , टांडा फाल ऐसे जगह अगर बृक्षा रोपण किया जाय तो ये पौधे सुरक्षित रहते है और वातावरण को शुद्ध करते है ।
जब पेड़ो को काट कर हुई प्लाटिंग :-
मिर्जापुर शहर के अंदर प्लाटिंग करने वालो ने ज्यादातर पेड़ को काट डाले , तब पेड़ो ने मकानों पर अपनी जड़ें जमा ली , ऐसा दृश्य मिर्जापुर शहर के अनगढ़ रोड पर देखने को मिला जहाँ एक पुराने मकान पर एक पेड़ अपनी जड़ें फैला रहा है ।