वेस्ट यूपी में निकाय चुनाव में कमल खिलाने की कड़ी चुनौती, लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानते हुए बनेगी रणनीति,*
*वेस्ट यूपी में निकाय चुनाव में कमल खिलाने की कड़ी चुनौती, लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानते हुए बनेगी रणनीति,*
आइडियल इंडिया न्यूज़
अनीस अहमद बख्शी एडवोकेट प्रयागराज
पश्चिम उप्र के हाथ में भाजपा की कमान आने के बाद अब परीक्षा की घड़ी टिक-टिक करने लगी है। नवंबर-दिसंबर में संभावित निकाय चुनाव को भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानते हुए रणनीति का गियर बदला है।
निकाय चुनावों का स्वाद कड़वा रहा है, ऐसे में भाजपा ने राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए नई व्यूह रचना की है।सीएम योगी ने भी साफ कर दिया है कि निकाय चुनावों का परिणाम ही मिशन-2024 की दिशा तय करेगा। 2017 निकाय चुनावों में भाजपा ने तीन नगर निगम समेत 33, जबकि सपा ने 29 और बसपा ने 27 नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों पर कब्जा जमाया।
रालोद और सपा ने आक्रामक चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। साफ है कि भाजपा की आसान नहीं होगी।भाजपा ने बिजनौर निवासी धर्मपाल सिंह को प्रदेश संगठन महामंत्री, जबकि मुरादाबाद के भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। दोनों के पास पश्चिम में जमीनी स्तर पर काम करने का अनुभव है, जिसकी परख निकाय चुनाव में होगी। मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर, अमरोहा, रामपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़ समेत दर्जनों ऐसे जिले हैं, जहां नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों में कमल नहीं खिल सका।