ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इंटरनेट पर दवाइयां बेचने वाली अवैध ई.फार्मसीज को कारण बताओ नोटिस दिया 

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इंटरनेट पर दवाइयां बेचने वाली अवैध ई.फार्मसीज को कारण बताओ नोटिस दिया

आइडियल इंडिया न्यूज
अखिलेश मिश्र “बागी” मीरजापुर
मीरजापुर जिले के दवा ब्यापारियों समस्याओं को उठाने और उनके हक की लड़ाई लड़ने बाली एकमात्र संस्था दवा विक्रेता समिति के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार द्विवेदी ने 10 फरवरी को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि एआईओसीडी केंद्र सरकार को लगातार आगाह कर रहा थी कि भारत के ड्रग अधिनियम, फार्मेसी अधिनियम और अन्य दवाओं से संबंधित नियम.आदेश, आचार संहिता, जनता के स्वास्थ्य के लिए.खतरनाक इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देते हैं और छूट और योजनाओं के साथ विज्ञापन द्वारा दवा बिक्री को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं देते हैं,दिल्ली के उच्च न्यायालय के आदेश ,सभी वैध अपीलों, अनुरोधों, बैठकों के बावजूद, कॉर्पोरेट घराने अवैध रूप से वित्तीय शक्ति के साथ पीड़ीटरी या गैर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य के साथ दवा व्यवसाय में लिप्त थे,इससे भी खतरनाक यह था कि जब से ई.फार्मसियों ने देश में राज्यों के सीमा पार से दवाओं कीऑनलाइन बिक्री का संचालन शुरू किया है, नकली दवाओं में अचानक वृद्धि शुरू हो गई है।, ऑनलाइन ऐप नारकोटिक ड्रग्स, प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन किट, एंटीबायोटिक्स, सेडेटिव ड्रग्स तक आसान पहुंच बन गया और मरीजों को सीधे इसको अंतरराज्यीय आपूर्ति, राज्य एफडीए द्वारा ट्रेस.और ट्रैक करना बहुत मुश्किल हो गया, एओसीडीआई ने हमेशा हाइलाइट किया है.यें सभी बहुत ज्वलंत मुद्दे हैं कि ये अवैध ई.फार्मसी अपने पोर्टल पर अपना स्वास्थ्य डेटा बना रहे हैं जो यह सब जनता के व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा को उजागर करने के लिए एक खतरा भी था यह प्रधानमंत्री की एनएचआरएम स्वास्थ्य डेटा नीति के खिलाफ भी है। बड़े बड़े कॉरपोरेट्स द्वारा अपनाई जा रहीं इन अनैतिक प्रथाओं से छोटे दवा दुकानदारों का जीवन नरक बन चुका है जबकि वह दवा नियमों का पालन कर रहे हैं और दूसरी तरफ कॉर्पोरेट घरानों छोटे छोटे फार्मसी.को पीछे धकेलते हुए, और नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए गैर.प्रतिस्पर्धात्मक या प्रीडिटरी मूल्य निर्धारण के साथ प्रतिस्पर्धा करके अनैतिक छूट देकर और.व्यापार के लिए उपलब्ध लाभ से अधिक लाभ प्रदान कर ई-फार्मसी का कार्य कर रहें है, एआईओसीडी अध्यक्ष श्री जे. एस. शिंदे ने संगठन केपदाधिकारियों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर  कॉर्पोरेट घरानों समर्थित खुदरा श्रृंखलाओं और ई.फार्मेसी की अवैधता के संदर्भ में बहुत दृढ़ता से.दवा व्यापार समस्याओं और चिंताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी  संस्था में 12 लाख से अधिक सदस्य हैं, उनके ऊपर  आश्रित परिवार और कर्मचारी जिनकी कुल आबादी लगभग 4 करोड़ से अधिक हैं इनका इन सभी बड़े बड़े कारपोरेट के गैर प्रतिस्पर्धात्मक या प्रीडिटरी  मूल्य निर्धारणऔर अवैध ई-फार्मसियों के कारण के लिए  व्यवसाय में बने रहना मुश्किल कार्य होगा , स्वास्थ्य मंत्री ने व्यापार की विभिन्न समस्याओं और चिंताओं की गंभीरता को ध्यान से सुनाऔर समझा तथा अवैध रूप से दवा बेचने वाली संस्थाओं के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था, डीसीजीआई ने उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार अवैध ऑनलाइन फ़ार्मेसी को कारण बताओ नोटिस.जारी करना शुरू कर दिया है,एआईओसीडी इस फैसले का स्वागत करता है और कॉर्पोरेट घरानों द्वारा समर्थित ई.फार्मसियों.द्वारा छोटे दवा व्यवसायियों के मालिकों के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करने वाली मूल्य निर्धारणनीति के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की उम्मीद करता है, हमारी मांग पर ऑन लाइन दवा बेचने वाली कम्पनियों को केन्द्र सरकार नोटिस जारी कर रही है इसलिए हमारी राष्ट्रीय संस्था ने 15 फरवरी से प्रस्तावित अपने धरना प्रदर्शन कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला किया है।

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