06/07/2025
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घर की दीवार पर आइना लगाने के लिए कुछ जरूरी वास्तु नियम

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*Tip of the day

आइडियल इन्डिया न्यूज़
शीशा या फिर कहें आईना लगभग सभी घरों में पाया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि इसे घर की दीवार पर लगाने के लिए कुछ जरूरी वास्तु नियम भी होते हैं. ।शीशे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ ।

वास्तु शास्त्र में घर से जुड़ी प्रत्येक चीज के लिए उचित दिशा और जरूरी नियम बताए गये हैं, जिसका पालन करने पर सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है. यदि बात करें घर की दीवार पर लगाए जाने वाले आईने या फिर खिड़कियों आदि में प्रयोग किये जाने वाले शीशे की तो अक्सर इसे लगाने और भूलवश इसके टूट जाने पर शुभ-अशुभ फल को लेकर एक भ्रम की स्थिति बनी रहती है. आपके इसी भ्रम को दूर करने के लिए आइए जानते हैं कि आखिर घर के किस कोने में शीशा लगाना शुभ फल देता है और इसके टूट जाने पर दोष से बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए।

1👉 वास्तु के अनुसार घर में हमेशा चौकोर आकार के शीशे का प्रयोग करना चाहिए. कभी भी गोल या अंडाकार शीशे को नहीं लगाना चाहिए. मान्यता है कि गोल या अंडाकार शीशे के प्रभाव से सकारात्मक ऊर्जा भी नकारात्मक में बदल जाती है।

2👉 वास्तु के अनुसार अपने बेडरूम में शीशा लगाने से बचना चाहिए. यदि लगाना भी पड़े तो उसे ऐसी जगह पर लगाएं जहां रहने पर उसमें आपका बेड न दिखाई दे. यदि ऐसा करना भी मुश्किल हो तो उस शीशे को प्रयोग में लाने के बाद उस शीशे को एक परदे से ढंक दें।

3👉वास्तु के अनुसार घर में यदि कोई शीशा टूट जाए तो उसे तुरंत घर से बाहर निकाल देना चाहिए,उसे कभी भी घर में इकट्ठा करके नहीं रखना चाहिए. वास्तु में टूटे हुए शीशे को बड़ा दोष माना गया है. इसी प्रकार घर की किसी खिड़की आदि में लगे चटके शीशे को तुरंत बदलवा देना चाहिए।

4👉 वास्तु के अनुसार घर में कभी भी एक शीशे को दूसरे शीशे के सामने नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसके कारण उत्पन्न होने वाला वास्तु दोष उस स्थान पर शांति व ऊर्जा संचार की अपेक्षा बेचैनी को बढ़ाएगा. इसी प्रकार आईने को भूलकर भी खिड़की अथवा दरवाजे के सामने नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे दर्पण से उत्पन्न होने वाली सकारात्मक ऊर्जा खिड़की या दरवाजे के रास्ते बाहर चली जाएगी।

5👉 मान्यता है कि घर में लगाए जाने वाले शीशे या फिर आईने के भूलवश टूटने में घर के भीतर आने वाली एक आपदा के टल जाने का संकेत छिपा होता है. कहने का तात्पर्य यह है कि शीशे ने आने वाली विपदा को अपने ऊपर ले लिया. शीशे से मिले इस संकेत के बाद व्यक्ति को किसी बगीचे में बने कुंड में अपनी परछाईं देखनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने पर टूटे हुए शीशे से जुड़ा दोष या फिर कहें आने वाली आपदा से मुक्ति मिल जाती है।

दर्पण /शीशे को बहुत सोच समझ कर लगाना चाहिए । शीशा केवल पूर्व एवं दक्षिण दिशा में ही शुभ होता है ।

दक्षिण / पश्चिम दिशा का आईना बहुत नुक़सान देता है ।

Acharya Mukull Rastogi
7419355916, 9837634984

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