आखिर संगम से सरस्वती कहां ••••••*

*आखिर संगम से सरस्वती कहां ••••••*
दो या दो से अधिक नदियों के मिलन स्थल को संगम कहते हैं उत्तर प्रदेश का एक स्थान प्रयाग राज हैं जहां पर तीनों नदिया गंगा यमुना और सरस्वती नदी का मिलन केन्द्र हैं। जिसमें गंगा व यमुना नदी की जल धारा तो दिखती हैं। पर सरस्वती की धारा दिखती नहीं, लोगों का कहना हैं कि सरस्वती नदी लुप्त हो गई है। पर मेरा मानना हैं की सरस्वती नदी की जलधारा उन तमाम कालेजों व शिक्षण संस्थानों में बह रही जिससे युवा आज अपने को अभिसिंचित कर अपने व अपने मां बाप के सपनों को साकार कर रहे। कोई प्रयागराज विश्व विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे उन छात्रों से पूछे की सरस्वती कहां हैं? सरस्वती नदी ज्ञान की परिचायक हैं। ज्ञान दिखता नहीं है *मैं सरस्वती हूं जो प्रयाग राज के लाखों युवाओं में मौजूद हूं* जो लोग मुझको समझे वह ही सर्वत्र सम्मान व यश को पाते हैं। मुझे पहचानो मैं ज्ञान हूं मै ही सरस्वती हूं।
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