मुंगराबादशाहपुर नगर पालिका के विकास का सच – चार माह में 11 लाख 87 हजार 198 रूपए की लगाई होर्डिंग और 89 हजार 741रूपए का उड़ाया गुब्बारा –
मुंगराबादशाहपुर नगर पालिका के विकास का सच –
चार माह में 11 लाख 87 हजार 198 रूपए की लगाई होर्डिंग और 89 हजार 741रूपए का उड़ाया गुब्बारा –
समस्यायों से जूझती रही जनता फीलगुड मनाते रहे जिम्मेदार –
आइडियल इंडिया न्यूज़
बृजेश पाण्डेय
मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर) ।
नगर के विकास में बजट के अभाव का राग अलापने वाले नगर पालिका अध्यक्ष शिव गोविन्द साहू के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई अतिमहत्वाकांक्षी योजना स्वच्छता अभियान मुंगराबादशाहपुर नगर पालिका परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों के लिए वरदान बन गई । कारण की इस महात्वाकांक्षी योजना को अमलीजामा पहनाने की बजाय लगभग 11लाख 87 हजार 741 रुपए की होर्डिंग एवं दिवाल पेंटिंग कराने के साथ ही साथ लगभग 89 हजार 741 रुपए का गुब्बारा (दो अदद स्काई वैलून) जरूर उड़ा दिया गया । यह कोई कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है जो नगर पालिका के रिकार्डो में दर्ज है । जिसका स्वच्छता अभियान तथा नागरिकों को सुविधाएं भले ही कोई सुविधा नहीं मिली लेकिन नगर पालिका परिषद मुंगराबादशाहपुर के अधिकारियों ने जरूर फीलगुड मनाया होगा ।
यदि देखा जाए तो नगर पालिका परिषद मुंगराबादशाहपुर के रिकार्ड के अनुसार 06 नवम्बर 2019 से 18 फरवरी 2020 तक लगभग चार महीने में ही लोगों को जागरूक करने के नाम पर मुंगराबादशाहपुर नगर पालिका परिषद ने 11 लाख 87 हजार 741रूपए की होर्डिंग एवं दिवाल पेंटिंग तथा 89 हजार 741रूपए का 2 स्काई वैलून उड़ाया है । बताया जाता है नगर पालिका परिषद मुंगराबादशाहपुर द्वारा लगवाया गया दोनों स्काई वैलून बामुश्किल दो दिन बाद ही रहस्यमय ढंग से अपने स्थान से गायब हो गया ।उसे कबूतर लेकर उड़ गए अथवा आसमान उठा ले गया । आज तक रहस्यमय बना है । सूत्रों की मानें तो नगर पालिका प्रशासन द्वारा लगवाए गए उक्त दोनों गुब्बारों (स्काई वैलून) को किराए पर लिया गया था जिसे दो दिन बाद वापस लौटा दिया गया था । क्षेत्रीय प्रबुद्ध जनों का कहना है कि यदि नगर पालिका परिषद मुंगराबादशाहपुर उक्त राशि से स्वच्छता अभियान हेतु नगर के व्यस्त मोहल्लों में शौचालय एवं पेशाब घर बनवा दिया होता तो उसका सार्थक परिणाम निकलता तथा नगर को स्वस्थ और स्वच्छ रखने में मददगार साबित होता । लेकिन नगर पालिका के जिम्मेदार लोग फिजूलखर्ची में संलिप्त होकर विकास मद के वजट को चूना लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते । जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है । क्रमशः