हिंदी दैनिक रणतूर्य कार्यालय पर स्वर्गीय धनुषधारी सिंह की बारहवीं पूण्यतिथि के अवसर पर जनपद के साहित्य कार पत्रकार अधिवक्ता सहित तमाम बुद्धिजीवियों ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी।

आइडियल इंडिया न्यूज़
संजय पांडेय आजमगढ़
आजमगढ़। हिंदी दैनिक रणतूर्य कार्यालय पर स्वर्गीय धनुषधारी सिंह की बारहवीं पूण्यतिथि के अवसर पर जनपद के साहित्य कार पत्रकार अधिवक्ता सहित तमाम बुद्धिजीवियों ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर जनपद के माने जाने अधिवक्ता शत्रुध्न सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।तो रणतूय परिवार ने स्वर्गीय सिंह के वैचारिक संघर्षों को याद करते हुए इस अवसर पर पत्रकार ्डाकटर एवं सामाजिक नेता व कैंसर जैसी बीमारी को मात देने वाले राणा प्रताप सेना प्रमुख को सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाराणा प्रमुख विजेंद्र सिंह ने कहा कि बाबू स्वर्गीय गांधारी सिंह जी आज हम लोगों के बीच भले ही नहीं है लेकिन उनकी लिखने और उनके तेवर को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र पाठक ने उनके द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए योगदानों को याद करते हुए की स्वर्गीय धनुषधारी सिंह इस बात के लिए हमेशा याद किये जाएंगे की उन्होंने पत्रकारिता के साथ गरीबों और कमजोर लोगों की लड़ाई हमेशा लड़ते रहे और अपनी लेखनी से लोगों को न्याय दिलाते रहे।
जर्नलिस्ट क्लब के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि स्वर्गीय बाबू धनुषधारी सिंह जी भले ही आज हम लोगों के बीच में न हो लेकिन उनके द्वारा बताए गए पत्रकारिता के गुण को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में आजमगढ़ में जो एक नर्सरी तैयार की है उसमें ऐसे बीज है जो आजमगढ़ में पत्रकारिता के स्थान को ऊपर पहुंचायेंगे।इस अवसर पर सी आई बी इंडिया न्यूज़ के एडीटर इन चीफ वसीम अकरम ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बाबू जी ऐसे पत्रकार थे जिनकी पत्रकारिता की गूंज प्रदेश ही नहीं देश में थी इस मौके पर मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा हम लोगो को भी उनके बताये हुए पत्रकारिता के गुणों को सीखने की जरूरत है
भाजपा जिलाध्यक्ष लालगंज सूरज श्रीवास्तव ने बाबू जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हम सभी के लिए हमेशा से प्रेरणा स्रोत रहे बाबू जी भले ही हम लोगों के बीच नहीं हैं लेकिन आज भी हम लोगों के हृदय मानस पर उनके चित्र दिखाई देते हैं और उनकी कमी तो खलती है मगर बड़े भैया महेंद्र सिंह का सानिध्य हमेशा हम लोगों को मिलता है आज हम लोगों को आजमगढ़ के समाचार पत्र रण तूर्य पर नाज है क्योंकि कि इस बगिया का ऐसा पेड़ लगा है जिसकी डालियां बहुत दूर तक फैलती जा रही है बाबू जी की यही सच्ची श्रद्धांजलि है।
आज ब्यूरो प्रमुख विनोद सिंह ने बाबू जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कहा कि बाबू जी पत्रकारिता में मेरे गुरु और गार्जियन दोनों थे।
इस अवसर पर रणतूय मऊ जिला प्रतिनिधि राजेश दूबे ने कहा कि मैं तो बाबू जो को नहीं देखा हूं लेकिन महेन्द्र भैया जब भी बाबू जी के बारे में चर्चा करते हैं तो मैं यही सोचता हूं कि पत्रकारिता के इस भीष्म पितामह से थोड़ी भी गुरु दक्षिणा मुझे मिली होती तो मैं अपने को धन्य समझता।इस मौके पर अमर उजाला के मिथिलेश सिंह, प्रदीप तिवारी, पूर्व प्रधान त्रिपुरारी प्रताप सिंह, पंकज सिंह, मां शारदा पीजी कॉलेज शमभूपुर के डायरेक्टर संजय सिंह, अखिलेश सिंह, सहित दर्जनों लोगों ने बाबू जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों के अपने आभारीय संबोधन में रणतूय के कर्ता-धर्ता एवं समाचार पत्र के प्रकाशक महेंद्र सिंह ने बाबू जी के साथ अपने बिताये पल को याद करते हुए कहा कि समाचार पत्र निकालना आज के दौर में बहुत कठिन है लेकिन हमारे पिता जी की इच्छा थी कि समाचार पत्र हमेशा पाठकों के बीच में बना रहे उसके लिए आप सभी के दुवाओं की जरूरत है।और जरूरत पर आप के सुझावों की। कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय संबोधन में जनपद के माने जाने अधिवक्ता एवं पूर्व सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष शत्रुध्न सिंह ने कहा कि मेरे और चचा के बीच बहुत उम का अन्तर नहीं था लेकिन उसके बावजूद चचा जी का समाचार पत्र के प्रति ऐसा झुकाव था कि वह हमेशा से समाचार पत्र में जिला प्रतिनिधि होने के बाबजूद अपना
समाचार पत्र निकालने के लिए संकल्प लिये हुए थे जिसका सपना उन्होंने साकार किया 16 अक्टूबर 1984 को वहीं से आजमगढ़ की रणभेरी शुरू हुई इस मौके पर मैं यहीं कह सकता हूं कि चचा जी द्वारा जो मशाल जलाई गयी है उसे हम सभी भाइयों को मिलकर कभी बुझने नहीं देना है।खास तौर से इसके लिए भाईयों में बड़ा होने के नाते मेरी और भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
इसके पूर्व परिवार के सदस्य कृष्ण कुमार सिंह, देवेन्द्र कुमार सिंह, प्रवेश कुमार, महेन्द्र कुमार सिंह राजकुमार सिंह, शार्दुल सिंह, आदर्श सिर्फ,शिव प्रयाग सिंह ने बाबू जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भाव पूर्ण श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्यकार,कवि संजय पांडेय ने किया।